कोवैक्सीन’ को WHO ने नही दी मान्यता, अभी और करना होगा इन्तिज़ार

नई दिल्ली, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के तकनीकी सलाहकार समूह ने मंगलवार को भारत के स्वदेश निर्मित कोविड रोधी टीके ‘कोवैक्सीन’ को आपातकालीन उपयोग की सूची में शामिल करने के लिए अंतिम ‘लाभ-जोखिम मूल्यांकन’ करने के वास्ते भारत बायोटेक से ‘अतिरिक्त स्पष्टीकरण’ मांगा. तकनीकी सलाहकार समूह अब अंतिम मूल्यांकन के लिए तीन नवंबर को बैठक करेगा. कोवैक्सीन को विकसित करने वाली हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी ने टीके को आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) में शामिल करने के लिए 19 अप्रैल को डब्ल्यूएचओ को ईओआई (रुचि अभिव्यक्ति) प्रस्तुत की थी।

 

तकनीकी सलाहकार समूह ने मंगलवार को भारत के स्वदेशी टीके को आपातकालीन उपयोग सूची में शामिल करने के लिए कोवैक्सीन के आंकड़ों की समीक्षा करने के लिए बैठक की. समूह को निर्माता से यह स्पष्टीकरण इस सप्ताह के अंत तक मिलने की संभावना है जिस पर तीन नवंबर को बैठक करने का लक्ष्य है।

कोवैक्सीन को आपातकलीन उपयोग की सूची में शामिल करने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में डब्ल्यूएचओ ने कहा, ”तकनीकी सलाहकार समूह ने आज (मंगलवार को) बैठक की और फैसला किया कि टीके के वैश्विक उपयोग के मद्देनजर अंतिम लाभ-जोखिम मूल्यांकन के वास्ते निर्माता से अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगे जाने की जरूरत है।

इससे पहले हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन को आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) में शामिल करने की मांग रखी थी. वैक्सीन कंपनी की ओर से 19 अप्रैल को डब्ल्यूएचओ के सामने ईओआई (रुचि की अभिव्यक्ति) पेश की थी. कोवैक्सिन ने डब्ल्यूएचओ को कोरोना के मूल वैरिएंट के खिलाफ 77.8 फीसदी और डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 65.2 फीसदी प्रभावी बताया था.

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