



बीजिंग, चीन की भौगोलिक स्थिति की वजह से यहां पर लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं. अधिकतर भूकंप देश के दक्षिणी हिस्से में आते हैं. ऐसा ही एक भूकंप आज के दिन 2014 में आया था. ये भूकंप युन्नान प्रांत के लुडियान काउंटी में आया और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.1 थी. इस घटना में 617 लोग मारे गए, जबकि कम से कम 2400 लोग जख्मी हुए. इसके अलावा, सैकड़ों लोग लापता हो गए. भूकंप का कहर इतना अधिक था कि 12 हजार से अधिक घर सेकेंडों के भीतर जमींदोज हो गए और 30 हजार घरों को काफी नुकसान पहुंचा.
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने बताया कि भूकंप का केंद्र झाओतोंग शहर था. तीन अगस्त 2014 को स्थानीय समय के मुताबिक शाम 4:03 बजे लुडियान में जबरदस्त भूकंप आया. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने बताया कि भूकंप की गहराई 10 किमी थी. चीन के जिस युन्नान प्रांत में ये भूकंप आया था, उसे पहले से ही भूकंप के लिए बेहद संवेदनशील इलाका माना जाता है. इसकी तीव्रता कितनी अधिक थी, इसका इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि गुइझोउ और सिचुआन प्रांतों में भी झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर 6.1 की तीव्रता वाले भूकंप को बेहद खतरनाक माना जाता है.
भूकंप की वजह से इसके एपिसेंटर के आसपास के क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में नुकसान हुआ. झाओतोंग शहर में बिजली गुल हो गई और महत्वपूर्ण इमारतों को नुकसान पहुंचा. चीनी अधिकारियों ने बताया कि भूकंप में कम से कम 391 लोग मारे गए और 1,801 से अधिक घायल हो गए. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक, भूकंप के झटके युन्नान की राजधानी कुनमिंग सहित आसपास के शहरों, सिचुआन के पड़ोसी प्रांत चोंगकिंग, लेशान और चेंगदू में भी महसूस किए गए. इमारतों के ढहने की वजह से लुडियान काउंटी में कई जगह सड़कें ब्लॉक हो गई थीं. लुडियान को लेकर बताया गया कि यहां पर 12 हजार घर ढह चुके थे.
चीनी सरकार ने भूकंप आने के तुरंत बाद भूकंप के केंद्र में 30 सदस्यीय टीम भेजी. साथ ही विस्थापित और बेघरों को आश्रय प्रदान करने के लिए 2,000 तंबू, 3,000 बिस्तर, 3,000 रजाई और 3,000 कोट भेजे. अधिकांश घायलों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. चीनी प्रधान मंत्री ली केकियांग ने बचाव में स्थानीय लोगों की सहायता और जांच करने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह भेजा. राहत एवं बचाव कार्य समाप्त होने पर बताया गया कि इस भूकंप की वजह से बड़े पैमाने पर जान-माल को नुकसान पहुंचा है. बताया गया कि 600 से लोगों की मौत हो चुकी है.