नई दिल्ली, चद्रयान-3 मिशन का अगला पड़ाव ISRO के लिए मुश्किल भरा नजर आ रहा है. चांद की सतह पर सो रहे लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान अब तक जाग नहीं सके हैं, शुक्रवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की ओर से इसे लगातार वेकअप सिग्नल भेजे गए, लेकिन अभी तक इन सिग्नलों को रिसीव नहीं किया गया है. इसरो ने हार न मानने की बात कही है और इस बात का ऐलान किया है कि वह लगातार कोशिश में जुटा रहेगा.
चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर ने चांद पर पूरा एक दिन बिताया. इस दौरान विक्रम और प्रज्ञान के साथ गए पेलोड ने इसरो तक चांद की सतह के बारे में कई जानकारियां भेजीं. ISRO वैज्ञानिकों के मुताबिक चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य पूरा हो चुका है. अब कोशिश ये है कि विक्रम और प्रज्ञान को एक बार फिर जगाकर अतिरिक्त जानकारियां जुटाई जाएं, जिससे आने वाले चंद्र मिशनों में लाभ मिले. हालांकि अभी ये कोशिश सफल होते नहीं दिख रही है.
चांद पर एक दिन धरती के 14 दिन के बराबर होता है. 23 अगस्त को चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम ने चांद के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग कर ली थी. उसके बाद से तकरीबन 11 दिन तक रोवर ने चांद की सतह से खनिजों, भूकंपीय गतिविधियों और प्लाज्मा के बारे में कई अहम जानकारियां ISRO को उपलब्ध कराईं. इस मिशन को 7 सितंबर तक के लिए डिजाइन किया गया था. हालांकि 3 दिन पहले ही ISRO ने विक्रम और लैंडर को स्विच ऑफ कर दिया था, ताकि इसमें बैटरी बाकी रहे और 14 दिन की रात के बाद जब चांद पर फिर सवेरा हो तो इन्हें फिर एक्टिव कर दिया जाए. शुक्रवार को ISRO ने यही कोशिश की जो नाकाम रही.
चांद पर 20-21 सितंबर को सुबह हो चुकी है, यहां रात के वक्त -238 डिग्री सेल्सियस तक तापमान हो जाता है, इसीलिए ISRO चांद पर सुबह होने के बावजूद दो दिन तक इसलिए इंतजार कर रहा था, ताकि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर पर लगे सोलर पैनल से बैट्रियां चार्ज हो जाएं. इसीलिए ISRO ने चंद्रयान-3 के इन दोनों मॉड्यूल तक सिग्नल भेजने के लिए शुक्रवार का दिन तय किया था.
Chandrayaan-3 Mission:
Efforts have been made to establish communication with the Vikram lander and Pragyan rover to ascertain their wake-up condition.As of now, no signals have been received from them.
Efforts to establish contact will continue.
— ISRO (@isro) September 22, 2023
शुक्रवार को ISRO के वैज्ञानिकों ने विक्रम और प्रज्ञान रोवर से संपर्क करने का काफी प्रयास किया, जो असफल रहा. हालांकि ISRO ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि वैज्ञानिक कोशिश में जुटे हैं, जल्द ही चमत्कार हो सकता है.