नई दिल्ली, जम्मू कश्मीर के रामबन इलाके में कुदरह ने कहर बरपाया है। यहां बादल फटने से करीब 25 घर जमींदोज हो गए जिसमें अबतक 3 लोगों की मौत हो चुकी है। 90 लोगों का रेस्क्यू किया गया है।
वहीं प्रशासन ने रामबन को नो एंट्री जोन घोषित कर दिया है। आपको बता दें कि रामबन जिले में कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है। कई हिस्से में बाढ़ जैसी स्थिति है। बारिश के साथ हो रहे भूस्खलन ने हालात और भी बदतर कर दिए हैं।
भूस्खलन और पहाड़ों से बहकर आ रहे कीचड़ के चलते नेशनल हाइवे कई जगहों पर बंद कर दिए गए है। NH 44 रामबन को जम्मू कश्मीर से जोड़ता है और इसे जिले की लाइफ लाइन मानी जाती है। यातायात ठप होने के चलते रेस्क्यू में भी दिक्कत आ रही है। कई घरों में पानी घुस चुका है। बच्चों, बुज़ुर्गों और बीमार लोगों के लिए स्थिति और भी चिंताजनक है। इसके अलावा किश्तवाड़ के पाथरनेकी-पाढर रोड पर शनिवार से लगातार भूस्खलन हो रहा है। आपात स्थिति को देखते हुए आसपास के 20 से ज्यादा घरों को खाली कराया गया है। आज का मौसम शनिवार से ज्यादा भयावह बन चुका है।
सीएम उमर अब्दुल्ला ने जताया दुख
सीएम उमर अब्दुल्ला ने हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने X पर लिखा रामबन में हुए दुखद भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से बेहद व्यथित हूँ, जिससे जान-माल का काफी नुकसान हुआ है। इस मुश्किल घड़ी में मेरी संवेदनाएँ प्रभावित परिवारों के साथ हैं। हम स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं ताकि जहाँ भी ज़रूरत हो, तत्काल बचाव कार्य सुनिश्चित किया जा सके। आज बाद में, मैं बहाली, राहत और मरम्मत योजनाओं की समीक्षा करूँगा। अभी, ज़मीन पर स्थिति को संभालने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा संबंधी सलाह का पालन करें और संवेदनशील क्षेत्रों में अनावश्यक आवाजाही से बचें।