उत्तर प्रदेश के लोगों को लगा तगड़ा करंट, बिजली की दामों में हुई 1.24 फीसदी की बढ़ोतरी

लखनऊ, गर्मियों का मौसम आ गया है और गर्मियों के मौसम में बिजली की खपत खूब होती है। लोग अलग-अलग तरह के बिजली के उपकरण इस्तेमाल करते हैं। इसलिए गर्मियों में काफी बिजली इस्तेमाल होती है।

और यही कारण है कि बिजली कंपनियां भी गर्मियों के मौसम में बिजली के दाम बढ़ा देती हैं।

उत्तर प्रदेश में हाल ही में बिजली के दामों में इजाफा कर दिया गया है। जिससे अब यूपी में रहने वाले लोगों को गर्मी के मौसम में बिजली इस्तेमाल करने के लिए ज्यादा दाम चुकाने पड़ेंगे। बिजली की दामों में 1.24 फीसदी बढ़ोतरी कर दी गई है। महंगाई की मार झेल रहे उत्तर प्रदेश के लोगों को फिर से एक तगड़ा झटका लगा है। इस महीने अप्रैल से ही उन्हें बढ़ी हुई बिजली की कीमतों का सामना करना पड़ेगा। सूबे में पांच साल बाद बिजली की दरें बढ़ाई गईं हैं। अप्रैल के बिल से ही फ्यूल सरचार्ज के तौर पर उपभोक्ताओं से बिजली की वसूली की जाएगी। राज्य में ऐसा पहली बार होगा जब सरचार्ज लागू होने से हर महीने बिजली के बिल घटते बढ़ते रहेंगे।

दरअसल, UPPCL ने फ्यूल सरचार्ज (Fuel Surcharge) के तौर पर यह बढ़ोत्तरी की है। इस फ्यूल सरचार्ज शुल्क (Fuel surcharge fee) के बढ़ने से हर महीने डीजल और पेट्रोल की तर्ज पर आपका बिजली बिल घटेगा या फिर बढ़ेगा। आम भाषा में समझे तो आपका जितना पावर लोड होगा। उसी हिसाब से बिजली का बिल भी बढ़ता या घटता रहेगा।

बढ़ा हुआ यह सरचार्ज अप्रैल महीने से लागू कर दिया गया है। ऐसे में भीषण गर्मी के इस दौर में बिजली का बिल तो कम होने वाला नहीं है। इसकी वजह ये है कि इन दिनों बिजली की खपत बढ़त जाती है। लिहाजा आने वाले समय में बढ़ा हुआ बिजली बिल आना लगभग तय है। ऐसे में बिजली उपभोक्ताओं की जेब ढीली होना तय है। बता दें कि जनवरी में बिजली उत्पादन में 78.99 करोड़ रुपये का अधिक ईंधन यानी फ्यूल लगा है। इसमें कोयला इत्यादि शामिल है। ऐसे में अप्रैल के बिल में इसी आधार पर सरचार्ज लगाया जाएगा। वहीं मई 2025 के बिल में फरवरी 2025 में बिजली उत्पादन के लिए ईंधन पर आए खर्च को देखते हुए फ्यूल सरचार्ज लगाया जाएगा। ऐसे में अब हर महीने बिजली के बिल घटते बढ़ते रहेंगे।

इस अधिकार के तहत की गई वृद्धि

पिछले दिनों उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (Uttar Pradesh Electricity Regulatory Commission) ने मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन- 2025 के तहत बिजली कंपनियों को हर महीने फ्यूल एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज (Fuel and Power Purchase Adjustment Surcharge) तय करने का अधिकार दे दिया था। इस आयोग से मिले इसी अधिकार के तहत प्रदेश में पहली बार उपभोक्ताओं से फ्यूल सरचार्ज वसूलने का आदेश दिया गया है। हालांकि विद्युत उपभोक्ता परिषद (Electricity Consumer Council) ने बिजली बिल में बढ़ोत्तरी का विरोध किया है। यूपी विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा (Awadhesh Verma, President of UP Electricity Consumer Council) ने कहा कि UPPCL पर उपभोक्ताओं का 33122 करोड़ रुपये बकाया है। UPPCL ने बिना उपभोक्ताओं के पैसे लौटाए यह वृद्धि की है। UP राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद (UP Electricity Consumer Council) इसका विरोध करेगा।

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