भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर और मामले में अमेरिका के हस्तक्षेप के विरोध में नेता विपक्ष राहुल गांधी प्रदर्शन करेंगे।

नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर और मामले में अमेरिका के हस्तक्षेप के विरोध में नेता विपक्ष राहुल गांधी प्रदर्शन करेंगे। लोकसभा नेता प्रतिपक्ष ने दिल्ली पुलिस से विजय चौक पर प्रदर्शन की अनुमति मांगी है।

हालांकि दिल्ली पुलिस से अभी तक उनको अनुमति नहीं दी गई है। भारत-पाकिस्तान के बीच अचानक सीजफायर होने से विपक्षी पार्टियों समेत देश के नागरिक भी हैरान हैं। कांग्रेस, सपा, राजद तथा आप ने मोदी सरकार पर ट्रंप के आगे झुकने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस ने बोला हमला

कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी पर ट्रंप के दावे का जवाब न देने के लिए निशाना साधा है। कांग्रेस ने पीएम मोदी पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे का जवाब नहीं देने के लिए निशाना साधा जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य गतिरोध को समाप्त करने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाने की बात कही थी।

 

जयराम रमेश ने उठाए सवाल

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्रंप के ताजा बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन से कुछ मिनट पहले किए गए दावों पर प्रधानमंत्री ने एक शब्द भी नहीं बोला। क्या भारत ने अमेरिका की मध्यस्थता स्वीकार कर ली है? उन्होंने पूछा क्या भारत पाकिस्तान के साथ किसी तटस्थ स्थान पर बातचीत करने के लिए सहमत हो गया है?

ट्रंप की भूमिका पर सवाल

पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने ट्रंप के उस बयान को पेचीदा बताया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता रोकने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि ट्रंप बिन बुलाए मध्यस्थ हैं और भारत सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उनके दावों में कोई सच्चाई है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के अंतरराष्ट्रीय बयानों से भ्रम फैल सकता है, इसलिए सरकार को खुलकर बात करनी चाहिए।

चिदंबरम ने यह भी सवाल उठाया कि क्या हालिया ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने अपने विमान या अन्य सैन्य उपकरण खो दिए हैं। उन्होंने कहा कि वायुसेना और सेना के अधिकारियों ने अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान की बात स्वीकारी है, लेकिन इसकी आधिकारिक जानकारी विपक्ष और जनता को नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के दावे भले कुछ भी रहे हों, पर इसकी सच्चाई तो कुछ और रही है जो कि भारत को साझा करनी चाहिए।

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