टमाटर के बाद लहसुन और धनिया दिखाने लगी है अपना रंग, कीमत पहुंची 200 पार, हरी सब्जियां कैसे खरीदें सरकार

लखनऊ,  देशभर में महंगाई अपने चरम पर है. लगातार बढ़ रही महंगाई को लेकर जनता त्रस्त है. यदि उत्तर प्रदेश में सब्जी मंडी की बात करें तो भले ही कुछ सब्जियों की कीमत पहले के मुकाबले कुछ कम हुई. मगर कई सब्जियों के दाम पहले की तुलना में दो से तीन गुना बढ़े हुए हैं. इन सब्जियों को खरीद पाना आम आदमी के बजट से बाहर है. लहसुन, अदरक, हरी मिर्च और धनिया की कीमतों में लगातार तेजी बनी हुई है. जिसकी वजह से लोगों ने लहुसन खरीदना ही बंद कर दिया है.

दुबग्गा सब्जी मंडी अध्यक्ष का कहना है कि लहसुन की पैदावार कम होने के कारण मंडियों में इसकी सप्लाई कम हो पा रही है. सप्लाई कम होने की वजह से लहसुन की कीमत में जबरदस्त उछाल आया है. थोक सब्जी मंडी में लहसुन की कीमत 160 रुपये प्रति किलो है. जबकि थोक सब्जी मंडी से फुटकर सब्जी मंडी तक जाते-जाते इसकी कीमत 200 से 220 जाती है. कीमत ज्यादा होने के कारण इसकी डिमांड भी कम हुई है. मानवी, खुशबू, रेहाना का कहना है कि लहसुन और अदरक का इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ साथ कई बीमारियों को दूर करने में लिए किया जाता है. लहसुन महंगा होने की वजह से इसको खरीद पाना आम इन्सान के बजट से बहार है.

जानिए थोक मंडियों में सब्जी के दाम 

परवल- 30 रुपये किलो, कटहल- 30 रुपये किलो, शिमला- 40 रुपये किलो, तोरई- 20 रुपये किलो, करेला- 20 रुपये किलो, गाजर- 40 रुपये किलो, सेम- 30 रुपये किलो, लहसुन- 160 रुपये किलो, फूल गोभी- 15 रुपये/प्रति पीस, भिंडी- 25 रुपये किलो, पालक- 20 रुपये किलो, आलू- 15 रुपये किलो, प्याज 25 रुपये किलो, लौकी- 10 रुपये किलो, कद्दू- 15 रुपये किलो, टमाटर- 20 रुपये किलो, घुइयां- 20 रुपये किलो, हरी मिर्च- 80 रुपये किलो, अदरक- 120 रुपये किलो, नीबू- 80 रुपये किलो, धनिया- 200 रुपये किलो, खीरा- 20 रुपये किलो.

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