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अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय स्मृति ईरानी के हवाले, ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस्तपात मंत्रालय, मुख्तार अब्बास नकवी हुए खाली हाथ

नई दिल्ली,  मुख्तार अब्बास नकवी का इस्तीफा मंजूर होने के बाद अल्पसंख्यक मामलों के विभाग की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी को सौंपी गई है. भारत के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री की सलाह के अनुसार संविधान के अनुच्छेद 75 के खंड (2) के तहत, केंद्रीय मंत्रिपरिषद से मुख्तार अब्बास नकवी और राम चंद्र प्रसाद सिंह के इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है।

 

ज्योतिरादित्य सिंधिया को मिला इस्पात मंत्रालय

नकवी के इस्तीफे के बाद स्मृति ईरानी को उनके मौजूदा पोर्टफोलियो के अलावा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है. इसके साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके मौजूदा पोर्टफोलियो के अलावा इस्पात मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है. अभी तक इस्पात मंत्रालय की जिम्मेदारी राम चंद्र प्रसाद सिंह संभाल रहे थे.

पीएम मोदी ने की नकवी की सराहना

इससे पहले दिन में एक कैबिनेट बैठक के दौरान पीएम मोदी ने नकवी और सिंह दोनों की उनके मंत्री कार्यकाल के दौरान देश में उनके योगदान के लिए सराहना की. राज्यसभा सांसद के रूप में दोनों नेताओं का कार्यकाल गुरुवार को समाप्त हो रहा है, दोनों मंत्रियों ने संवैधानिक दायित्व को पूरा करने के लिए अपना इस्तीफा सौंप दिया.

नकवी के बाद केंद्र में कोई मुस्लिम मंत्री नहीं

नकवी के बाद केंद्र में कोई मुस्लिम मंत्री नहीं होगा और भाजपा और सहयोगी दलों के पास लगभग 400 संसद सदस्यों में से कोई मुस्लिम सांसद नहीं होगा. हाल के राज्यसभा चुनावों में नकवी के नामांकित नहीं होने के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि उप राष्ट्रपति पद के लिए उनके नाम पर विचार किया जा रहा है, जिसके लिए चुनाव 6 अगस्त को होना है. अगर ऐसा नहीं हुआ उन्हें कोई अन्य महत्वपूर्ण पद भी दिया जा सकता है. वहीं, आरसीपी सिंह के इस्तीफे के साथ केंद्र में भाजपा के सहयोगी दलों में से केवल दो मंत्री हैं. आरपीआई (ए) से रामदास अठावले और अपना दल से अनुप्रिया पटेल.

 

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