



नई दिल्ली, लहसुन एक प्रमुख बागवानी फसल है, जिसका इस्तेमाल औषधि और सब्जी के तौर पर किया जाता है। इसके बादजूद भाव के मामले में लहसुन के नखरे हमेशा रहे हैं। इन्हीं नखरों के कारण लहसुन का भाव कभी 80, कभी 100 तो कभी 150 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया। इस बार मध्य प्रदेश में हुई बर्बादी ने लहसुन के यही नखरे ढीले कर दिए हैं।
मध्यप्रदेश में तो लहसुन एक रुपये किलो से नीचे तक बिक रहा है। मध्य प्रदेश में लहसुन के दामों की भारी गिरावट का असर उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिला है। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बाजारों में 15 से 25 रुपये किलोग्राम तक लहसुन आ गया है। कुछ दिनों पहले ही पश्चिमी यूपी के बाजारों में लहसुन के भाव 60 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक थे। हालांकि, लहसुन की कीमतें गिरने से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है।
मध्यप्रदेश की दलोदा मंडी में 45 रुपये क्विंटल तक लहसुन खरीद लिया गया। इसके असल भाव पर नजर डालें तो यह महज 45 पैसे प्रति किलो रहा। मध्यप्रदेश के मंडी के जानकार बताते हैं कि देवास, आलोत, रतलाम आदि मंडियों में भी लहसुन खरीद का बुरा हाल है। यहां लहसुन की कीमतें बहुत तेजी से गिरी हैं।
मध्यप्रदेश में लहसुन की कीमतों को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। कृषि मंत्री के पुतले फूंके गए हैं। रतलाम में विरोध स्वरूप लहसुन की अर्थी तक निकाली गई। एमपी के किसानों का कहना है कि लहसुन की कीमतें इतनी गिर गई हैं कि किसान अब ट्रांसपोर्ट का किराया तक वहीं निकल पा रहे।
पिछले दिनों मध्य प्रदेश में लहसुन के गिरते दामों का असर उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी देखने को मिला है। पश्चिमी यूपी में गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, हापुड़, बुलंदशहर, बागपत, बड़ौत, शामली आदि जिलों में लहसुन सस्ता हुआ है।
इस मामले में यूपी के बुलंदशहर में फल, सब्जी मंडी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष खुशी राम लोधी बताते हैं कि यूपी में लहसुन के भाव 80 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम रहे हैं, लेकिन अब लहसुन 18 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है।
मध्यप्रदेश में लहसुन की कीमतों में गिरावट के कारण अब ज्यादातर लोग एमपी से लहसुन लाकर यहां बेच रहे हैं। यही कारण है कि थोक भाव में लहसुन की खरीद के कारण अब लहसुन काफी सस्ता हो गया है।