



नई दिल्ली, पिछले कुछ दशकों से वैज्ञानिक बालों को उगाने के नए-नए तरीकों पर काम कर रहे हैं. सिर पर अगर बाल न हो तो यह हतोत्साहित करने वाल हो जाता है. लेकिन वैज्ञानिकों ने एक ऐसी खोज का दावा किया है जिसमें निकट भविष्य में गंजे हो चुके लोगों का इलाज किया जा सकता है.
यानी जिनके सिर पर बाल गिर गए हैं या बाल गायब हो गए हैं अब उनके सिर पर नए बाल उग आएंगे. क्योंकि वैज्ञानिकों ने लैब में हेयर फॉलिकल्स को बनाने का दावा किया है. अब तक बाल गिरने के लिए उम्र या गलत खान-पान को दोषी माना जाता है लेकिन नए अध्ययन में बालों के झड़ने के लिए कुछ और चीजों को दोषी माना गया है. वैज्ञानिकों का दावा है कि इस अध्ययन से भविष्य में बाल उगाने के द्वार खुलेंगे और गंजेपन का इलाज और हेयर लॉस का निदान किया जा सकेगा. इससे नई दवा भी विकसित की जा सकती है.
मेडिकल न्यूज टूडे के मुताबिक दरअसल, हेयर फॉलिकल्स ट्यूब की तरह स्किन पोर होते हैं जो शाफ्ट और बालों की जड़ों से बंद रहते हैं. एक हेल्दी व्यक्ति के सिर पर 80 हजार से 1.20 लाख बाल होते हैं. वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि प्रत्येक हेयर फॉलिकल्स को घेरने वाली मांसपेशियां बालों के झड़ने और पुनर्जनन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इस मसल्स को डर्मल शीथ कहते हैं. यह शरीर के अन्य मसल्स से अलग होते हैं. यह नियंत्रण में नहीं रहते. न्यूयॉर्क के इकान्ह स्कूल ऑफ मेडिसीन के शोधकर्ताओं ने चूहों में डर्मल शीथ की भूमिका पर अध्ययन किया है. उन्होंने अपने अध्ययन में पाया कि ये मसल्स शारीरिक रूप से हेयर फॉलिकल्स के पुनर्जनन को प्रोत्साहित करते हैं.
वैज्ञानिकों ने पाया कि जब यह संकुचित होता है, तब डर्मल शीथ पुनर्जनन प्रक्रिया शुरू करने के लिए हेयर फॉलिकल्स को निचोड़ता है. इसी समय फॉलिकल्स के अंदर डर्मल पैपेलिया सेल्स स्किन से बाहर निकलते हैं और नए बाल को उगाने की प्रक्रिया शुरू होती है. शोधकर्ताओं ने पाया कि यही संकुचन मशीनरी इंसान के हेयर फॉलिकल्स को नियंत्रित करता है. यानी अगर हेयर फॉलिकल्स के चारो ओर मसल्स को संकुचित होने से रोक दिया जाए तो इससे हेयर फॉलिकल्स के पुनर्जनन को भी रोका जा सकता है. इसका मतलब यह हुआ है कि नए बालों को उगाने के लिए हेयर फॉलिकल्स के मसल्स का संकुचित होना जरूरी है.
इसी सिद्धांत के आधार पर पहली बार वैज्ञानिकों ने पूरी तरह से मैच्योर फंक्शनल चूहे के हेयर फॉलिकल्स को लैब में विकसित किया है. यानी जीवित प्राणि के शरीर से बाहर पहली बार वैज्ञानिकों को हेयर फॉलिकल्स बनाने में सफलता मिली है. हेयर फॉलिकल्स हेयर शाफ्ट को प्रोडयूज करता है जो 23 दिनों के अंदर 3 मिलीमीटर बढ़ जाता है. शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि उन्होंने जो कल्चर्ड हेयर फॉलिकल्स विकसित किया है वह हेयर ग्रोथ के बायोलॉजी और पिगमेंटेशन को समझने में बहुत काम आएगा. इससे नई दवा बनाने का रास्त साफ होगा. अक्टूबर 2022 में हेयर फॉलिकल्स को उगाने की इस सफलता को साइंस एडवांस में प्रकाशित किया गया है.