



गाजियाबाद, जिले की डासना जेल (Dasna jail) में 140 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गये हैं. संक्रमण की खबर सामने आने के बाद से जेल प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है.जेल अधिकारियों ने बताया कि सरकार के निर्देश के मुताबिक, जेल में निरुद्ध करने से पहले बंदियों की एचआईवी टेस्ट किया जाता है.
जेलों में लगाए जाते हैं एचआईवी जांच शिविर
जिला जेल अधीक्षक आलोक कुमार सिंह ने बताया कि, एमएमजी जिला सरकारी अस्पताल स्थित एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी सेंटर के डॉक्टर गाजियाबाद जेल में कैदियों की जांच कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 2016 में राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी ने जेलों में एचआईवी जांच शिविर लगाए थे और उस समय गाजियाबाद में एचआईवी के 49 नए मरीज मिले थे. उसके बाद सरकार ने यह अनिवार्य कर दिया कि हर बंदी की सामान्य स्वास्थ्य के अलावा एचआईवी और टीबी की जांच की जाएगी.
जेल से पहले कैदियों का होता है एचआईवी टेस्ट
जेल में निरुद्ध करने से पहले हर संदिग्ध कैदी की एक किट द्वारा जांच की जाती है और यदि कैदी एचआईवी से ग्रस्त पाया जाता है, तो उसे जेल में स्थित इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड ट्रीटमेंट सेंटर (आईसीटीसी) में इलाज उपलब्ध कराया जाता है.
वर्तमान में गाजियाबाद जेल की क्षमता 1706 कैदियों की है, जबकि यहां 5,500 कैदी निरुद्ध हैं. जेल अधीक्षक ने कहा कि, 5500 कैदियों में से 140 कैदी एचआईवी से ग्रस्त हैं और 35 कैदियों को टीबी है. वर्ष 2016 से औसतन 120 से 150 एचआईवी ग्रस्त कैदी जेल में रह रहे हैं.