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एक ऐसी कुर्सी की कहानी जिस बैठने वाले की हो जाती है मौत, बनी है म्यूजियम का हिस्सा

नई दिल्ली, बात 18वीं शताब्दी की है जब इंग्लैंड के थर्स्क में थॉमस बज्बी नामक शख्स रहता था. उसका एक साथी था जिसका नाम डेनियल औटी था. कहा जाता है कि ये दोनों नकली सिक्के बनाने का अवैध काम करते थे. डेनियल न सिर्फ थॉमस का अच्छा दोस्त था, बल्कि उसकी बेटी एलिजाबेथ से थॉमस ने शादी भी कर ली थी. जिसके बाद दोनों दामाद और ससुर बन गए थे

यह दोस्ती बाद में और भी गहरी हो गई. काम के बाद दोनों रोज साथ में Thirsk में स्थित अपने फेवरट बार में बैठते और वहां जमकर शराब पीते. थॉमस उस बार में हमेशा एक ही कुर्सी में ही बैठता, जिससे उसे खास लगाव हो गया था. अगर कोई भी उस कुर्सी में बैठ जाता तो थॉमस उससे लड़ने झगड़ने लगता. फिर उसे जबरदस्ती वहां से हटाकर खुद उसमें बैठ जाता. लेकिन यह कुर्सी आगे जाकर कितने ही लोगों की जान लेने वाली थी. इस बात से हर कोई अंजान था.

कहानी की शुरुआत होती है साल 1702 से. एक दिन बार में किसी बात को लेकर थॉमस और डेनियल के बीच लड़ाई हो गई. लड़ाई मारपीट तक पहुंच गई. फिर थॉमस को चिढ़ाने के लिए डेनियल उसकी पसंदीदा कुर्सी पर जा बैठा. थॉमस को यह देखकर इतना गुस्सा आया कि उसने डेनियल की हत्या कर डाली.

पुलिस ने हत्या के आरोप में थॉमस को गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद ससुर की हत्या करने के जुर्म में थॉमस को मौत की सजा सुना दी गई. जिस दिन थॉमस को फांसी दी जानी थी. उस दिन उससे उसकी आखिरी इच्छा पूछी गई. फांसी से पहले अपनी आखिरी इच्छा जाहिर करते हुए थॉमस ने कहा कि वह Thirsk में स्थित बार में रखी अपनी फेवरेट कुर्सी में बैठकर आखिरी बार भोजन खाना चाहता है. थॉमस की इस इच्छा को मान लिया गया और उसे उसी बार में ले जाया गया. अपना खाना खत्म करने के बाद वह खड़ा हुआ और बोलने लगा ‘उसकी मौत तय है जो मेरी कुर्सी पर बैठने की हिम्मत करेगा’. तब से ये कुर्सी सच में ही शापित हो गई.

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान रॉयल एनफॉर्स के दो पायलट उस पब में आए और उस कुर्सी पर बैठ गए. फिर जैसे ही वे दोनों पब से बाहर निकले, उनकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया और दोनों पायलटों की मौत हो गई. इसके बाद जो भी शख्स इस कुर्सी पर बैठा उसकी रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई. लगातार होती इन मौतों के कारण पब के मालिक ने इस कुर्सी को पब के गोदाम में रखवा दिया. लेकिन यहां भी इस कुर्सी के शाप ने लोगों का पीछा नहीं छोड़ा.

एक बार गोदाम में कुछ सामान रखने आया वर्कर थककर उस कुर्सी पर बैठ गया. फिर एक घंटे बाद ही एक रोड एक्सीडेंट में उस वर्कर की मौत हो गई. इस घटना के बाद पब के मालिक ने इस मनहूस कुर्सी को थर्स्क के म्यूजियम को दान कर दिया. तब से उस म्यूजियम में 5 फुट की ऊंचाई पर इस कुर्सी को रख दिया गया. ताकि कोई भी व्यक्ति गलती से भी इस कुर्सी पर न बैठे.

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