



नई दिल्ली, विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने हर असंभव काम को संभव कर दिया है। आए दिन नए अविष्कार और खोज से वैज्ञानिक हमेंअचंभित करते आए हैं।
वैज्ञानिक बस अभी तक एक ही असंभव चीज को संभव नहीं कर पाए है वो है “मरे हुए इंसान को दोबारा जिंदा करना’। विज्ञान इस मामले में अभी तक फेल रहा है लेकिन कुछ वैज्ञानिकों ने मृत इंसान को जिंदा करने का दावा किया है। इतना ही नहीं एक कंपनी है जो मौत के बाद इंसान के जिंदा होने की लोगों को उम्मीद जगा दी है । कंपनी ने कहा दोबारा जिंदा करने के लिए उसकी डेड बॉडी को फ्रीज करवाना होगा। सुनने में आपको ये किसी फिक्शन स्टाेरी से कम नहीं लग रहा होगा लेकिन ये सच्चाई है। आइए जानते हैं क्या है ये पूरा मामला ?
आपको जानकर हैरानी होगी कि दोबारा जिंदा होने की चाहत में बड़ी संख्या में लोग वैज्ञानिकों के इस दावे पर विश्वास करके मरने के बाद अपनी डेड बॉडी फ्रीज करवा रहे हैं। पिछले कुछ समय में बॉडी को फ्रीज करवाने का ट्रेन्ड बहुत बढ़ा है, ये ही कारण है कि अब तक लोग दोबारा जिंदा होने की आस में 600 लोग अपनी बॉडी को फ्रीज करवा चुके हैं।
दरअसल, इस क्षेत्र में काम कर रहे वैज्ञानिकों का मानना है कि जो इंसान मर जाता है वो केवल बेहोश ही होता है। वहीं कंपनी कह रही है कि क्रायोनिक्स तकनीक के जरिए मरे हुए इंसान को दोबारा जिंदा किया जाता सकता है। लोगों को जिंदा करने की उम्मीद जगाई इसलिए लोग अपने मृत शरीर को फ्रीज करवा रहे हैं।
क्रायोनिक्स तकनीक के खुलासे के बाद लोग अपने परिवार को मरने से पहले दोबारा जिंदा होने की इच्छा बता कर क्रायोनिक्स तकनीक के जरिए उनके मरने के बाद उनके मृत शरीर को सुरक्षित रखने के लिए कह रहे हैं और उनके घर वाले अपनों को दोबारा जिंदा करने की आस में बॉडी फ्रीज करवा रहे हैं।
क्रायोनिक्स तकनीक के खुलासे के बाद लोग अपने परिवार को मरने से पहले दोबारा जिंदा होने की इच्छा बता कर क्रायोनिक्स तकनीक के जरिए उनके मरने के बाद उनके मृत शरीर को सुरक्षित रखने के लिए कह रहे हैं और उनके घर वाले अपनों को दोबारा जिंदा करने की आस में बॉडी फ्रीज करवा रहे हैं।आपको जानकर हैरानी होगी इस तकनीक में डेड बॉडी को फ्रीज करवाने के लिए 1 करोड़ से अधिक रुपया खर्च करना पड़ता है।
साइंटिस्ट डेड बॉडी को लिक्विड नाइट्रोजन में -200 डिग्री सेल्सियस तापमान में एक स्टील के चैंबर में बंद करके उसे उल्टा रखा जाता है। मृत लोगों की बॉडी फ्रीज करने वाली कंपनी सदर्न क्रायोनिक्स ने बताया कि ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि अगर चैंबर लीक होता है तो ब्रेन अधिक सुरक्षित रहता है। कंपनी मौत के तुरंत बाद बिना समय गवांए बॉडी को फ्रीज करने की सलाह देते है। इसके पीछे लॉजिक कंपनी दे रही है कि मृत्यु के बाद जल्दी बॉडी को फ्रीज कर दिया जाए तो जिंदा होने की उम्मीद कई गुना बढ़ जाती है।
बता दें ये लैब अमेरिका, रूस, आस्ट्रेलिया के अलावा प्राइवेट कंपनियों ने भारत में भी क्रायोनिक्स तकनीक से डेड बॉडी को फ्रीज करने की लैब बना ली है। हालांकि भारत में मृत शरीर को ऐसे सुरक्षित रखने का कोई स्पष्ठ कानून नहीं है इसलिए कोर्ट से भी इजाजत मिलना पेचीदा है।वैज्ञानिक डॉ. आर. गिब्सन ने कहा अभी तक तो ऐसी तकनीक का अविष्कार नहीं हुआ है लेकिन भविष्य में फिर से जिंदा करने की कोई तकनीक विकसित होगी और उन्हें नया जन्म मिलेगा इस उम्मीद में बॉडी को फ्रीज करवा रहे हैं। हालांकि फिलहाल ऐसा कोई चमत्कार होने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है।