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शिंदे सरकार का कारनामा, निर्भया कोष से खरीदे गए वाहनों का इस्तेमान किया गया माननीयों की सुरक्षा के लिए

नई दिल्ली, महिलाओं के खिलाफ अपराध से लड़ने के लिए महाराष्ट्र में इस साल की शुरुआत में कुछ वाहन खरीदे गए थे। ये वाहन मुंबई पुलिस ने निर्भया कोष या निर्भया फंड) के तहत खरीदा था। अब दावा किया जा रहा है कि इन वाहनों का इस्तेमाल मौजूदा समय में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के विधायकों और सांसदों को ‘वाई-प्लस’ सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जा रहा है।

एक पुलिस अधिकारी के हवाले से समाचार एजेंसी ने यह जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि इस साल मुंबई पुलिस ने जून में निर्भया कोष के तहत प्राप्त 30 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से 220 बोलेरो, 35 एर्टिगा, 313 पल्सर बाइक और 200 एक्टिवा खरीदे गए थे। महिला सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं को लागू करने के लिए केंद्र 2013 से राज्य सरकारों को ‘निर्भया कोष’ के जरिए फंड जारी करता आया है।

एक पुलिस अधिकारी ने किया दावा
पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि जून में वाहनों की खरीद के बाद उन्हें जुलाई में सभी 97 पुलिस थानों, साइबर, यातायात और तटीय पुलिस इकाइयों को सौंप दिया गया। इन वाहनों में से 47 बोलेरो, मुंबई पुलिस के मोटर परिवहन विभाग द्वारा राज्य पुलिस के वीआईपी सुरक्षा अनुभाग के एक आदेश के बाद कई पुलिस थानों से मांगे गए थे, जिसमें कहा गया था कि शिंदे गुट के सांसदों और विधायकों की ‘वाई-प्लस’ सुरक्षा मुहैया कराने के लिए इन वाहनों की आवश्यकता है। हालांकि, 17 वाहनों को आवश्यकता पूरी होने के बाद पुलिस थानों में वापस कर दिया गया। 30 बोलेरो अभी तक वापस नहीं आई हैं।

मामले के खुलासे के बाद विपक्षी दल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने सवाल किया कि क्या सत्तारूढ़ विधायकों की सुरक्षा महिलाओं की सुरक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने पूछा कि क्या सत्तारूढ़ विधायकों की सुरक्षा महिलाओं को दुर्व्यवहार से बचाने से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है? निर्भया कोष का इस्तेमाल विधायकों की सुरक्षा के लिए किया जाना भयावह और अपमानजनक है।

राकांपा बोली- यह सत्ता का शर्मनाक दुरुपयोग
राकांपा प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि निर्भया कोष से खरीदी गई एसयूवी को शिंदे विधायकों को वाई-प्लस सुरक्षा प्रदान करने के लिए इस्तेमाल किया गया। शिंदे-फडणवीस सरकार सत्ता का शर्मनाक दुरुपयोग कर रही है। एकनाथ शिंदे के विधायकों को शर्म से मर जाना चाहिए। राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार द्वारा निर्भया कोष की स्थापना की गई थी। यह चौंकाने वाली बात है कि वाहनों का दुरुपयोग विधायकों की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है।

इस बीच पुणे जिले की पिंपरी चिचवाड़ पुलिस ने राज्य के वरिष्ठ मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर स्याही फेंके जाने की घटना के संबंध में अपने तीन अधिकारियों और सात अन्य कर्मियों को निलंबित कर दिया है। घटना शनिवार को पिंपरी शहर में डॉ. बी आर आंबेडकर और समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले के बारे में पाटिल की विवादास्पद टिप्पणी के विरोध में हुई थी।

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