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कोविड: एक बार फिर शुरू हुई हवाई अड्डों पर विदेशियों की सैंपलिंग, प्रधानमंत्री मोदी ने की स्थिति पर समीक्षा बैठक

नई दिल्ली, चीन में फैल रहे कोरोना संक्रमण के बाद सारी दुनिया एक बार फिर अलर्ट पर है. चीन में इस बीएफ़.7 नाम का कोविड सब-वेरिएंट क़हर ढाता दिख रहा है. चीन की तरफ़ से भले है संक्रमण की असर को कमतर दिखाया जा रहा हो लेकिन वहां से आ रही तस्वीरें भयावह हैं.

भारत में कल बीएफ़.7 सबवेरिएंट के कुछ मामले मिले हैं जिसके बाद से भारत सरकार की सक्रियता बढ़ गई है. एक बार भी पुरानी कोविड गाइडलाइन्स चर्चा शुरू हो गई है. इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को कोरोना की स्थिति पर समीक्षा बैठक की. उन्होंने भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने, टेस्टिंग बढ़ाने और जीनोमिक सीक्वेंसिंग की अपील की. उन्होंने कमज़ोर और बुजुर्गों के लिए कोरोना वैक्सीन की प्रीकॉशनरी डोज़ लेने का भी आग्रह किया.
इस वर्चुअल मीटिंग में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, गृह मंत्री अमित शाह, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और अन्य आला अधिकारियों ने हिस्सा लिया.

इससे पहले आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने संसद में कहा कि पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है लेकिन भारत में बीते एक साल में कोविड-19 के मामलों में कमी दर्ज की जाती रही है.
उन्होंने कहा “मौजूदा वक्त में पूरे देश में रोज़ाना औसतन कोरोना के 153 मामले दर्ज हो रहे हैं, इसकी तुलना में पूरे विश्व में रोज़ाना क़रीब 5.87 लाख कोरोना के नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं.”
“जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, फ्रांस, ग्रीस और इटली जैसे देशों में इस वायरस के संक्रमण के मामले तो अधिक हैं ही इसके होने वाली मौतों की संख्या भी लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है.”

चीन के हालात पर नज़र

मनसुख मांडविया ने संसद को बताया कि पिछले कई दिनों से मीडिया में चीन में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले और इससे होने वाली मौतों को लेकर ख़बरें छप रही हैं.
उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने मिलकर आम नागरिकों तक कोविड वैक्सीन पहुंचाई है और अब तक 220.2 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं. इनमें टीका पाने के लिए योग्य आबादी के 90 फीसदी को कोविड के दोनों टीके लगाए जा चुके हैं जबकि 22.3 करोड़ की आबादी को एहतियातन प्रीवेन्टिव डोज़ दिया जा चुका है.”

उन्होंने कहा, “दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय वैश्विक स्थिति पर नज़र रख रहा है. कोरोना के लगातार बदलते वेरिएंट के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य के सामने जो नई चुनौतियां आ रही है, उस पर सरकार कदम उठा रही है. राज्य सरकारों को कोविड के नियंत्रण की सलाह दी जा रही है और उन्हें सभी पॉज़िटिव केसों की जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए कहा गया है ताकि अगर कोई वेरिएंट के मामले सामने आते हैं तो वक्त रहते उनका पता लगाया जा सके.”
मनसुख मांडविया ने कहा कि आने वाले त्योहारों और नए साल को देखते हुए राज्यों को आम नागरिकों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए जागरुक करना चाहिए.

इसमें मास्क पहनना, हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करना और सामाजिक दूरी बनाए रखना अहम होगा. साथ ही लोगों को प्रीवेन्शन डोज़ लगवाने के लिए भी जागरूक करना चाहिए.

गुरुवार से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर आ रहे विदेश से आने वाले यात्रियों की 2 फ़ीसदी कोविड आरटीपीसीआर रैंडम सैम्पलिंग शुरू कर दी गई है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “वैश्विक महामारी अभी पूरी तरह ख़त्म नहीं हुई है इसके ख़िलाफ़ हमें अपनी सामूहिक लड़ाई जारी रखनी होगी.”

‘अगर सर्दी-ज़ुक़ाम है तो जांच कराएं’

गुरुवार को कोविड को लेकर स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक हुई जिसके बाद नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल का एक वीडियो ट्वीट क्या है जिसमें वो कह रहे हैं कि लोगों को डरने की ज़रूरत नहीं है, भारत सुरक्षित ज़ोन में है.

उन्होंने कहा, “लेकिन अभी सर्दियों के दिन हैं और कई लोगों को सर्दी ज़ुकाम की शिकायत हो सकती है, ऐसे लोग अपनी जांच करवाएं. हो सकता है कि यो कोरोना वायरस हो और ये भी हो सकता है कि ये इंफ्लूएंज़ा जैसा कोई और वायरस हो.”

उन्होंने लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने को कहा और कहा कि उम्रदराज़ लोगों का ख़ास ध्यान रखा जाना चाहिए.

उन्होंने कहा “बैठक में ये बात हुई है कि जिन लोगों को कोविड की प्रीकॉशनरी डोज़ नहीं मिली है उन्हें जल्द से जल्द ये डोज़ दी जानी चाहिए.”

चीन में कोरोना वायरस के BF.7 वेरिएंट के कारण संक्रमितों की संख्या में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है क्या इस वेरिएंट के मामले में भारत में भी हैं?

इस सवाल के जवाब में वीके पाल ने कहा, “इंडियन sars-cov-2 जीनोमिक्स कॉन्सोशियम (INSACOG) के अनुसार भारत में इस वेरिएंट से संक्रमण के चार मामले दर्ज किए गए हैं. एक मामला इस साल जुलाई में, दो सितंबर में और एक इस साल नवंबर में दर्ज किया गया था.”

“हो सकता है कि इस वेरिएंट के और मामले भी देश में मौजूद हों लेकिन अभी इसका कोई अधिक प्रभाव देखा नहीं गया है.”

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