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घर के पास या नज़दीकी ज़िले में कार्यभार संभालेंगे सहायक शिक्षक, दो साल की कानूनी लड़ाई के बाद मिला अधिकार

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में दो साल की कानूनी लड़ाई के बाद लगभग दो सौ शिक्षक अपने घर के पास या नजदीकी जिले में कार्यभार संभालेंगे। 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में चयनित ये शिक्षक छह जनवरी तक नए जिले में नियुक्ति पा सकेंगे।

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने 31 दिसंबर 2022 को प्रदेश के सभी बीएसए को पत्र जारी कर कहा है कि जनपद से एनओसी प्राप्त कर चार जनवरी तक शिक्षकों को कार्य मुक्त कर दिया जाए। इसके बाद छह जनवरी तक यह शिक्षक आवंटित जनपद में नियुक्ति ले सकेंगे। इस आदेश के बाद तकरीबन दो सौ शिक्षकों को गृह या नजदीकी जनपद में तैनाती मिल जाएगी।

विदित हो कि परिषदीय विद्यालयों के लिए 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित कुछ शिक्षकों ने 69000 शिक्षक भर्ती के लिए भी आवेदन किया था। उनका चयन भी हो गया लेकिन शासन ने वेतन और पद समान होने की बात कह कर उन्हें अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) देने से मना कर दिया था। इनमें से कई शिक्षक नई नियुक्ति के बाद अपने गृह या निकटवर्ती जनपद पहुंच सकते थे लेकिन जब शासन ने एनओसी देने से मना कर दिया तो 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती में चयनित ऐसे शिक्षकों ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट से अभ्यर्थियों को राहत भी मिली।

इसके बाद बीते जुलाई में एनओसी दिए जाने का आदेश शासन ने जारी किया था। स्टेट आफ यूपी बनाम रोहित कुमार और अन्य के आदेशानुसार 69,000 शिक्षक भर्ती में भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के लगभग 2 साल बाद भी एक बार फिर से 69 हजार भर्ती में दोबारा नियुक्ति होगी।

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