



लखनऊ, उत्तर प्रदेश समेत दिल्ली एनसीआर में मंगलवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. इसके कुछ ही घंटों बाद राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में के 5 मंजिली पुरानी ईमारत जमींदोज हो गई. मलबे में कुछ लोगों के दबे होने की सूचना पाकर प्रशासन हरकत में आया और बचाव कार्य तेजी के साथ शुरू कर दिया गया.
मौके पर मौजूद उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी डीएस चौहान ने कहा कि मलबे की 3 लेयर क्लियर हो गई है और चौथे लेयर को तोड़ा जा रहा है. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि चौथे लेयर में ड्रिल कर दिया गया है और उसके माध्यम से ऑक्सीजन नीचे पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने जानकारी दी कि अंदर 5 लोग होने का अंदाजा है.
उन्होंने कहा कि मलबे के अंदर मौजूद 2 लोगों से हम संपर्क में हैं और उनसे बात हो रही है. यूपी डीजीपी डीएस चौहान ने यह भी कहा कि मलबे के अंदर मौजूद दो लोग बाकी 3 लोगों के संपर्क में हैं. पांचों लोगों को ट्रेस किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि चौथी लेयर को काटने के बाद स्थिति क्लियर हो जाएगी कि नीचे की कैसी स्थिति है.
वहीं हादसे की वजह से जुड़े सवाल पर डीएस चौहान ने कहा कि जमींदोज इमारत सपा सरकार में मंत्री रहे शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश की है. ये प्लॉट भी उनका ही है. उन्होंने कहा कि इस बिल्डिंग को यजदान बिल्डर्स ने बनाया था. डीजीपी यूपी ने आगे कहा कि पुलिस इसकी इन्वेस्टीगेशन करेगी और उसी के आधार पर कार्यवाही की जाएगी लेकिन बख्शा किसी को नहीं जाएगा.
डीएस चौहान ने कहा कि मामले में अभी तक किसी की कोई अरेस्टिंग नहीं हुई है. हम लोग अभी जांच पड़ताल कर रहे हैं. फिलहाल, अभी तक 40% ही हम लोग कार्य कर पाए हैं. कार्य में किसी पैरामिलिट्री फोर्सेस को नहीं लगाया जाएगा क्योंकि रिलीफ के मामले में एनडीआरएफ सबसे बेस्ट है.
वजीर हसन रोड पर अलाया अपार्टमेंट के गिरने से जिन लोगों की मौत हुई है उसके पीछे जिम्मेदारों की लापरवाही सामने आ रही है. पहले हुई घटनाओं की तरह इस बार भी इस अपार्टमेंट को अवैध निर्माण करके ही बनाया गया था. इसके साथ ही इसकी निर्माण गुणवत्ता भी बहुत खराब थी. सेटबैक को घेरकर एक पतले पिलर पर चार मंजिल तक फ्लैट बनाए गए थे. बिल्डिंग निर्माण में एलडीए की अनदेखी कई मामलों में सामने आ रही है. अपार्टमेंट बनाने के लिए तय क्षेत्रफल 2000 वर्ग मीटर से कहीं कम पर यह बिल्डिंग बनाई गई थी. निश्चित तौर पर सिंगल यूनिट का नक्शा पास करा के यहां अपार्टमेंट का निर्माण करा दिया गया था. जिसका नतीजा यह हुआ कि या अवैध अपार्टमेंट बेसमेंट की खुदाई के चलते भरभरा कर ध्वस्त हो गया.
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बता दें इससे पहले लखनऊ में अग्निकांड की वजह से तीन होटलों में आग के चलते 11 लोगों की मौत हो चुकी है. चारबाग के विराट और एसजेएस होटल में जून 2018 में आग लगी थी, जबकि हजरतगंज के होटल लेवाना सुइट्स में सितंबर 2022 में आग लगने से मेहमानों की मौत हो गई थी. यह तीनों होटल अवैध निर्माण कर के बनाए गए थे. इन मामलों में भी जिम्मेदारों पर कोई खास कार्यवाही नहीं की गई. जिसका नतीजा है कि पूरे शहर में बिल्डर अवैध निर्माण धड़ल्ले से कर रहे हैं.
अलाया अपार्टमेंट वजीर हसन रोड के उन तमाम अवैध अपार्टमेंट में से एक है जिनका निर्माण पिछले करीब 20 साल में किया गया है. छोटे से प्लॉट पर बनाया गया अपार्टमेंट बिल्डर के लालच और लखनऊ विकास प्राधिकरण की अनदेखी का एक बड़ा नमूना है. अलाया अपार्टमेंट की पुरानी तस्वीर को देखें तो यहां सेट बैंक जिसको खाली छोड़ना चाहिए था उस पर एक पिलर खड़ा करके 4 मंजिल तक फ्लैट खड़े कर दिए गए. यह पतले से पिलर इन फ्लैट का बोझ अब तक कैसे संभाल रहे थे, इसको लेकर आश्चर्य जरूर व्यक्त किया जा रहा है. यहां बताया जा रहा है कि मंगलवार को बेसमेंट में खुदाई चल रही थी. बिल्डिंग बहुत कमजोर हो चुकी थी ऐसे में बेसमेंट की खुदाई से नींव पर गहरा आघात लगा. बिल्डिंग ध्वस्त हो गई. अवैध निर्माण संबंधित जांच अभी शुरू नहीं की गई है.
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प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक यह हादसा शाम करीब छह बजकर 45 मिनट पर हुआ। अपनी बेटी उजमा, नाती मुस्तफा और अन्य लोगों को अपनी आंखों के सामने मलबे से सुरक्षित निकलवाने के लिए कुछ रिश्तेदारों के साथ मौके पर जाने को आतुर कुलसुम को बड़ी मुश्किल से रिश्तेदार रोक पाए। उन्होंने उनसे अल्लाह से सबकी सलामती की दुआ करने को कहा। दुख की इस घड़ी में कुलसुम के लिए राहत की खबर आई जब उन्होंने सुना कि उज्मा के बेटे मुस्तफा को बचा लिया गया है और उसका इलाज चल रहा है। इमारत ढहने की जगह तैनात पुलिसकर्मियों को शोकाकुल परिजनों को नियंत्रित करने और उनसे संकट की घड़ी में संयम बरतने का आग्रह करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। साथी अफसर भी उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बचाव वाहनों को शुरुआत में घटनास्थल तक पहुंचने में मुश्किल हो रही थी क्योंकि सड़क अपेक्षाकृत संकरी थी। हालांकि, जैसे ही हादसे की खबर फैली, स्थानीय निवासियों और आसपास के अन्य आगंतुकों ने अपने चारपहिया वाहनों को सड़क से हटा कर उसे खाली कर दिया। पुलिस ने हालात को देखते हुए दैनिक जागरण चौराहे से वजीर हसन रोड स्थित अपार्टमेंट तक सड़क पर यातायात प्रतिबंधित कर दिया। इस बीच, आस-पास के घरों, अपार्टमेंट और कॉलोनी के निवासी अपनी बालकनी से बचाव कार्यों को देखते नजर आये। इमारत के अधिकांश पड़ोसियों ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उनके चेहरे पर सदमा, डर और दुख साफ नजर आ रहा था।