



लखनऊ, स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोमवार को ट्वीट कर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट किया कि हर असंभव कार्य को संभव करने की नौटंकी करने वाले एक धाम के बाबा की धूम मची है।
सबसे सशक्त पीठ के महंत होने के बावजूद सिर तन से जुदा करने के लिए सुपारी दे रहे हैं। श्राप देकर भी तो भस्म कर सकते थे। उनका 21 लाख रुपया भी बचता और असली चेहरा भी बेनकाब न होता।
राजनीतिक गहमागहमी के बीच अमर उजाला से बातचीत में स्वामी ने नई जिम्मेदारी के सवाल पर कहा कि वह सपा के साथ हैं। भाजपा को नेस्तनाबूत करने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेंगे। रिपोर्ट दर्ज होने के मामले में कहा कि महिलाओं और शूद्र समाज के सम्मान की बात करना, आपत्तिजनक टिप्पणी को हटाने की मांग करना अपराध नहीं है। सरकार के दबाव में रिपोर्ट दर्ज हुई है, लेकिन न्यायालय पर पूरा भरोसा है। वहीं, रामचरित मानस पर उनके बयान पर सपा के कई विधायकों ने पहले तो समर्थन और विरोध किया। लेकिन रविवार को स्वामी प्रसाद को राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने के बाद विरोध करने वालों ने अब चुप्पी साध ली है।
स्वामी ने अपनी बेटी और भाजपा सांसद संघमित्रा को लेकर आ रहे बयानों पर कहा कि यह भाजपा को तय करना है। इस सवाल का जवाब वही देगी। संजय निषाद के बयान पर स्वामी ने कहा कि वह पहले अपने गिरेबां में झांके। उनका कद नहीं है कि उनके सवालों का जवाब दिया जाए।