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उत्तर प्रदेश ने दिया अडानी को जोर का झटका, सरकार ने रद्द किया प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का टेंडर

नई दिल्ली, हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट (Hindenburg Research Report) के खुलासे के बाद एक तरफ अडानी समूह (Adani group) के शेयर धड़ाम हो गए हैं, तो वहीं अब अडानी ग्रुप (Adani group) को योगी सरकार (Yogi Government)ने भी झटका दिया है।

अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission), जीएमआर (GMR) व इनटेली स्मार्ट कंपनी (Intelli Smart Company) को मिलने वाला प्रीपेड स्मार्ट मीटर (Prepaid Smart Meter) का टेंडर निरस्त कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश में 2.5 करोड़ प्रीपेड स्मार्ट मीटर (Prepaid Smart Meter) लगाने के टेंडर की लागत 25 हजार करोड़ थी।

प्रदेश सरकार के इस फैसले से एक बात साफ हो गई है कि अब यूपी के बिजली महकमें में अड़ानी की दाल नहीं गलने वाली है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम (Madhyanchal Vidyut Vitran Nigam) ही नहीं राज्य के बाक़ी के चार विद्युत वितरण निगमों में भी अड़ानी के प्री पेड स्मार्ट मीटर आपूर्ति के टेंडर निरस्त होने की संभावना बढ़ गई है। यह संदेश सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ (Chief Minister Yogi Aditya Nath) ने बीते शनिवार को बढ़े हुए मूल्य पर मीटर सप्लाई करने के मध्यांचल विद्युत वितरण निगम (Madhyanchal Vidyut Vitran Nigam) के टेंडर को निरस्त करवा कर दे दिये हैं। अड़ानी की कंपनी ने सभी विद्युत वितरण निगमों में मीटर आपूर्ति का टेंडर अडतालीस से पैंसठ फ़ीसदी से अधिक दर पर करने का टेंडर डाला है। राज्य में मीटर बदलने की योजना का बजट तक़रीबन पच्चीस हज़ार करोड़ रुपये का है।

इस टेंडर की दर अनुमानित लागत से करीब 48 से 65 प्रतिशत अधिक थी, जिसकी वजह से इसका शुरू से ही विरोध हो रहा था। अब पश्चिमांचल (Paschimanchal), पूर्वांचल (Purvanchal), दक्षिणांचल (Dakshinchal)और डिस्कॉम (Discom) के टेंडर पर भी नजरें टिकी हुई हैं। दक्षिणांचल में भी अडानी समूह का टेंडर है।

प्रदेश में करीब 2.5 करोड़ प्रीपेट स्मार्ट मीटर लगने हैं। इनके लिए 25 हजार करोड़ के टेंडर हुए हैं। इसमें मैसर्स अदाणी पावर ट्रांसमिशन के अलावा जीएमआर व इनटेली स्मार्ट कंपनी ने टेंडर का पार्ट दो हासिल किया था। इन्हें कार्य करने का आदेश जारी होने वाला था, लेकिन इनके टेंडर की दर को लेकर विरोध होने लगा। टेंडर के प्रस्ताव के मुताबिक, हर मीटर की कीमत करीब नौ से 10 हजार रुपया पड़ रही थी। जबकि अनुमानित लागत छह हजार रुपये प्रति मीटर है। इस मामले में यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने प्रति मीटर अधिक मूल्य होने के मामले में ऊर्जा मंत्रालय से सलाह ली, लेकिन वहां से फैसला कॉरपोरेशन पर ही छोड़ दिया गया।

इस बीच उपभोक्ता परिषद ने महंगा मीटर लगाकर उपभोक्ताओं पर भार डालने का आरोप लगाया और मामले में मुख्यमंत्री से शिकायत की। परिषद ने नियामक आयोग में याचिका भी दायर कर दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता (वित्त) अशोक कुमार ने अदाणी समूह का टेंडर निरस्त कर दिया है। अब अन्य वितरण निगम और डिस्कॉम पर निगाह लगी हुई है। अधीक्षण अभियंता ने बताया कि तकनीकी कारणों से टेंडर निरस्त किया गया है। इसका विस्तृत विवरण दस्तावेज देखने के बाद बता पाएंगे।

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा (State Electricity Consumers Council President Awadhesh Kumar Verma) ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम (Madhyanchal Vidyut Vitran Nigam) द्वारा टेंडर निरस्त करने को जायज ठहराया है। परिषद ने पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन से महंगे टेंडर के जरिए उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार नहीं डालने की अपील की है। सुनवाई नहीं होने पर नियामक आयोग में याचिका दाखिल करने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Aditya Nath) से भी अपील की। मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ने दिया।

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