



नई दिल्ली, कुछ वक़्त पहले तक ही आम आदमी प्याज खाने के लिए तरस गया था। इसकी कीमत आसमान छू रही थी। लोग सौ रुपये प्रति किलो के भाव में प्याज खरीदने पर मजबूर थे।
आलम यह था कि सरकार और विपक्ष के बीच तलवारे खिंच गई थी। महंगाई पर सडको में प्रदर्शन तो संसद में कामकाज ठप्प थे। लेकिन यह पुराने दिनों की बातें हैं। प्याज पर मचा हाहाकार थम चुका हैं और लेकिन किसानो के हालत जस के तह बने हुए हैं। आलम यह हैं कि महंगाई में जहाँ उनके उत्पाद बिकने बंद हो गए थे तो वही महंगाई के चलते उन्हें दाम नहीं मिल रहा। महाराष्ट्र के सोलापुर में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया हैं। जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जायँगे।
दरअसल यह एक किसान को अपने प्याज के एवज में जो दाम मिला वह बेहद हैरान करने वाला था। किसान ने तकरीबन 521 किलो प्याज नजदीकी व्यापार मंडी में बेचा था, इसके एवज में मंडी समिति की तरफ से महज दो रुपये ही प्राप्त हुआ। जी हाँ आपने सही पढ़ा, मात्र दो रुपये। व्यापारी मंडी की तरफ से भी यह राशि किसान को चेक के तौर पर दी गई.
यह आपबीती है 58 वर्षीय किसान राजेंद्र तुकाराम चव्हान की। वह सोलापुर जिले के बारशी ताल्लुका के बोरगांव गाँव के रहने वाले हैं। इस साल उनके खेत में प्याज का बंपर उत्पादन हुआ है, लेकिन बाज़ार में उसके लिए खरीरदार नहीं हैं। तुकाराम बेहतर भाव की चाहत में अपनी फसल 70 दूर सोलापुर एपीएमसी मंडी में लेकर जाते हैं। वह कुल 512 किलो प्याज लेकर गए थे। वह वहाँ पर अपनी फसल एक रुपये किलो के भाव के बेचने में सफल हो जाते हैं।
Heavy fall in onion prices: तुकाराम बताते हैं कि उनके प्याज का भाव एक रुपये किलो मिला। इसके हिसाब से उनका हिसाब 512 रुपये बना है। फिर एपीएमसी ट्रेडर ने इसमें से 509.50 रुपये भाड़े, वजन और लोडिंग चार्ज के रूप में काट लिए. उनका फाइलन हिसाब 2.49 रुपये बना। फिर बैंक नियम के अनुसार इस 2.49 रुपये को राउंड ऑफ कर दो रुपये कर दिया गया। इस दो रुपये का पोस्ट डेटेड चेक मिला, जिसे वह 15 दिन बाद इनकैश करवा सकते हैं।