



मेरठ, ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर नकली मसाले बनाने का भंडाफोड़ करते हुए एसओजी ने दो भाइयों को गिरफ्तार किया, जबकि दो फरार हो गए। तहखाने में मशीनें लगाकर मसाले बनाए जा रहे थे।
करीब 30 लाख रुपये का तैयार और कच्चा माल बरामद हुआ। सूचना पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने नमूने लिए।
एसओजी प्रभारी लोकेश अग्निहोत्री ने बताया कि लिसाड़ी गेट क्षेत्र में नामचीन कंपनियों के नाम पर नकली मसाले बनाए जाने की सूचना मिल रही थी। टीम ने जांच की तो मामला सही निकला। सोमवार दोपहर एसओजी टीम ने लिसाड़ी गेट पुलिस के साथ मिलकर किदवईनगर गली नंबर दो निवासी आसिफ, राशिद, इंतखाब और नायाब (चारों भाई) के तीन मंजिला मकान में छापा मारा। घर में तहखाना बनाकर मसाले तैयार किए जा रहे थे, जबकि भूतल और पहली मंजिल पर पैकिंग की जा रही थी। टीम ने आसिफ और नायाब को गिरफ्तार कर लिया, साथ ही पैकिंग के काम में लगे तीन किशोरों को भी पकड़ लिया। पुलिस ने मौके से करीब 30 लाख रुपये का तैयार और कच्चा माल बरामद किया।
एसओजी प्रभारी ने बताया कि आरोपितों के पास किसी भी तरह का लाइसेंस नहीं था। फरार आरोपितों की तलाश की जा रही है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने नमूने ले लिए हैं। तीन साल से चल रहा था कामपूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वे तीन साल से काम कर रहे हैं। मसाले बनाने से लेकर पैकिंग तक का काम किया जाता है। बाजार और दुकानों पर बेचने के लिए भी लड़के रखे हुए हैं। करोड़ों रुपये का कारोबार कर चुके हैं। पुलिस ने बताया कि मौके पर जो सामान मिला है, वह बहुत खराब स्तर का है। मसाले बनाने में भी किसी मानक का ध्यान नहीं रखा जा रहा था।
आरोपित हल्दी, धनिया, मिर्च, गर्म मसाले के अलावा अन्य सामान भी तैयार कर रहे थे। टीम को मौके से स्टैंडर्ड मसाले, शान-ए-दरबार और दिल्ली के प्रसिद्ध मसाले के खाली रैपर भी मिले। काफी माल ऐसा भी मिला, जो बिना छपाई वाली पालीथिन में रखा था। आरोपितों ने बताया कि शहर से लेकर देहात और आसपास के जिलों में भी सप्लाई कर रहे थे।