



लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इंफ्लुएन्जा वायरस के ए सबटाइप (एच3एन2) का खतरा बढ़ गया है। केजीएमयू में रोजाना भेजे जा रहे मरीजों के सैंपलों की जांच में करीब 30 प्रतिशत में वायरस मिल रहा है। सरकारी अस्पतालों में भी इससे मिलते लक्षणों वाले मरीज पहुंच रहे हैं।
हालांकि, यहां एच3एन2 वायरस की जांच की सुविधा न होने से सामान्य वायरल मानकर ही इलाज किया जा रहा है।सरकारी अस्पतालों में एच3एन2 वायरस जैसे लक्षणों वाले मरीजों की संख्या इन दिनों करीब 20 फीसदी बढ़ी है। डॉक्टर इन्हें सामान्य वायरल का मरीज मानकर ही इलाज कर रहे हैं। हालांकि, इन्हें ठीक होने में दो हफ्ते से अधिक का समय लग रहा है।
बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब 300 मरीज सर्दी-जुकाम व बुखार की शिकायत लेकर आ रहे हैं। वायरल के इलाज से इन्हें खासी राहत नहीं मिल रही है। सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता के मुताबिक, एच3एन2 वायरस की जांच के लिए नमूने लेने की गाइडलाइन नहीं आई है।
सिविल अस्पताल की ओपीडी में करीब 150-200 मरीज आ रहे हैं। इनमें से कई को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत रहती है। लोकबंधु अस्पताल रोजाना पहुंचने वाले मरीजों की तादाद भी 200 से अधिक रहती है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर के मुताबिक, गंभीर मरीजों का नमूना जांच के लिए केजीएमयू भेजा जाएगा।
विशेषज्ञों की मानें तो संक्रमण दर होली के बाद बढ़ी है। इसकी वजह लोगों का त्योहार पर एक-दूसरे से गले मिलना है। यह वायरस एक-दूसरे के संपर्क में आने से भी फैलता है। ऐसे में बीमार लोगों के संपर्क से बचें। छींकते या खांसते वक्त मुंह ढक लें।
केजीएमयू में है जांच की सुविधा
एच3एन2 वायरस की जांच की सुविधा केजीएमयू में ही है। माइक्रोबायोलाजी विभाग की प्रमुख प्रो. अमिता जैन के मुताबिक, रोजाना 10 से अधिक नमूने जांच के लिए आ रहे हैं। इनमें से तीन-चार में वायरस की पुष्टि हो रही है। यह एक तरह का फ्लू हैं। जिन मरीजों की हालत गंभीर है, वे जांच जरूर कराएं।
एच3एन2 वायरस के लक्षण
खांसी आना, नाक बहना, नाक बंद होना, गले में खराश, सिरदर्द, शरीर में दर्द, बुखार, ठंड लगना, थकान, दस्त, उल्टी, सांस फूलना।