Date :

दिल्ली वालों को लगेगा ज़ोर का झटका, खत्म हो जाएगी फ्री बिजली वाली स्कीम! LG ने सरकार को द‍िया यह आदेश

नई दिल्ली, अगर आप भी द‍िल्‍ली में रहते हैं और सरकार की फ्री ब‍िजली योजना का फायदा उठा रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव नरेश कुमार से बिजली विभाग को यह निर्देश देने के ल‍िए कहा है कि वे शहर में बिजली सब्सिडी सीमित करने संबंधी दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) की सलाह मंत्रिपरिषद के सामने रखें और 15 दिनों के अंदर फैसला लें.

उपराज्यपाल ने ‘गरीब और जरूरतमंद उपभोक्ताओं’ के लिए बिजली सब्सिडी ‘सीमित’ करने के संबंध में दिल्ली सरकार को दी गई डीईआरसी (DERC) की वैधानिक सलाह पर ये निर्देश दिया है. इस परामर्श को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. दिल्ली सरकार ने इस निर्देश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उपराज्यपाल ने एक बार फिर अपने कार्यक्षेत्र से ‘अवैध’ तरीके से परे जाकर उच्चतम न्यायालय के निर्देशों और संविधान का उल्लंघन किया है.

शिकायतों पर गौर करते समय ये रिपोर्ट बनाई थी
सक्सेना ने मुख्य सचिव कुमार से बिजली विभाग को ये निर्देश देने को कहा है कि वे डीईआरसी (DERC) की सलाह मंत्रिपरिषद के सामने रखें और 15 दिन के अंदर फैसला लें. अधिकारियों ने कहा कि सक्सेना के निर्देश जिस रिपोर्ट पर आधारित हैं, वह कुमार ने तैयार की थी. उन्होंने बिजली वितरण कंपनियों (DISCOM) द्वारा बिजली उत्पादन कंपनियों (GENCO) को बकाये का भुगतान नहीं किये जाने की शिकायतों पर गौर करते समय ये रिपोर्ट बनाई थी.

दिसंबर 2022 में उपराज्यपाल एवं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सौंपा गया था. मुख्य सचिव ने अपनी रिपोार्ट में कहा है कि डीईआरसी ने 2020 में दिल्ली सरकार को सिर्फ 3 या 5 किलोवाट बिजली कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं को बिजली सब्सिडी देने की सलाह दी थी. इससे राजधानी के लगभग 95 प्रतिशत उपभोक्ता सब्सिडी के दायरे में आ जाते और सरकार को हर साल करीब 316 करोड़ रुपये की बचत होती.

मौजूदा योजना के पक्ष में खारिज कर दिया गया
डीईआरसी ने सलाह दी थी कि 5 किलोवाट से ज्यादा लोड वाले उपभोक्ता निश्चित तौर पर ‘गरीब’ नहीं होंगे और उन्हें सब्सिडी नहीं दी जानी चाहिए. इस सलाह को जब नवंबर 2020 में बिजली विभाग ने संबंधित मंत्री के सामने रखा तो उन्होंने इसे अगले साल मंत्रिपरिषद के सामने रखने को कहा. मुख्य सचिव की रिपोर्ट के अनुसार, बिजली विभाग ने 13 अप्रैल, 2021 को फिर से तत्कालीन बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन के समक्ष एक नोट रखा, लेकिन इसे मौजूदा योजना के पक्ष में खारिज कर दिया गया.

मुख्य सचिव की रिपोर्ट में कहा गया है कि बिजली विभाग डीईआरसी की वैधानिक सलाह को न केवल उपराज्यपाल के विचारार्थ रखने में विफल रहा, बल्कि इसे कैबिनेट के समक्ष भी विचार के लिए नहीं रखा गया. रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा सब्सिडी योजना को आगे बढ़ाने से पहले वित्त विभाग की मंजूरी भी नहीं ली गई थी. इस रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव से कहा है कि वह तत्कालीन बिजली मंत्री द्वारा कार्य संचालन नियमों में कथित चूक किए जाने के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराएं और उनसे अनुरोध करें कि वह अपने मंत्रिपरिषद के सदस्यों को इसके प्रावधानों का ईमानदारी से पालन करने का निर्देश दें.

Related Posts

Cricket

Panchang

Gold Price


Live Gold Price by Goldbroker.com

Silver Price


Live Silver Price by Goldbroker.com

मार्किट लाइव

hi Hindi
X