



मुंबई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार ने सोमवार को कहा है कि महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार शिवसेना के 40 विधायकों की देखभाल के लिए धन लुटा रही है जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक नाखुश हैं।
आपको बता दें कि शिंदे की बगावत के बाद पिछले साल जून में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद शिंदे भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे।
इस मामले में बोलते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पवार ने बजट पर बोलते हुए कहा कि भाजपा के विधायकों में बेचैनी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए यह भी कहा है कि शिवसेना के विधायकों पर पैसे लुटाए जा रहे हैं।
इस पर बोलते हुए अजित पवार ने दावा किया है कि ’40 विधायकों की देखभाल के लिए धन उड़ाया जा रहा है। संशय है कि क्या यह 288 विधायकों में से केवल 40 की सरकार है। यहां तक कि भाजपा के 105 विधायक भी नाखुश हैं। वे शांत हैं पर बहुत बेचैन हैं। उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और उन्हें धैर्य रखने के लिए कहा गया है क्योंकि यह विपक्ष में बैठने से बेहतर है।’
इससे पहले शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई के बेटे भूषण देसाई सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए, जिससे उद्धव ठाकरे खेमे को झटका लगा है। 80 साल के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के प्रमुख सहयोगी देसाई ने इस घटनाक्रम को चिंताजनक बताते हुए कहा कि उनके बेटे के कदम से पार्टी और ठाकरे परिवार के प्रति उनकी वफादारी में कोई बदलाव नहीं आएगा।
देसाई ने सत्ताधारी संगठन में अपने बेटे के शामिल होने को तवज्जो नहीं देने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि भूषण देसाई की राजनीति या शिवसेना (यूबीटी) में कोई भूमिका नहीं थी। गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने हाल में पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न ‘धनुष-बाण’ शिंदे नीत खेमे को आवंटित किया था। भूषण देसाई को मुख्यमंत्री शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना में शामिल किया गया।