



इंदौर, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव दो दिनी दौरे पर इंदौर आए हुए हैं.
जहां शुक्रवार को उन्होंने महू में बाबा साहब अंबेडकर की स्मारक पर जाकर उन्हें नमन किया. तो वही इंदौर में मीडिया से बात करते हुए जमकर उत्तर प्रदेश सरकार के साथ ही केंद्र की सरकार को घेरते हुए कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में माफियाओं की सूची तैयार की जाए तो उसमें गोरखपुर से सबसे पहला नाम किसका आएगा सभी को पता है. तो वही जिस तरह से उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक एनकाउंटर हो रहे हैं उसको लेकर उन्होंने कहा कि यूपी में एनकाउंटर में नंबर वन बन गया है. अखिलेश यादव ने विकास दुबे एनकाउंटर पर भी सवाल खड़े किए.
उन्होंने कहा कि विकास दुबे उज्जैन में महाकाल बाबा के दर्शन करने के लिए आया था और उसकी जान कैसे जा सकती है यह आप सभी को पता है और यदि किसी तरह की कोई शंका है तो अमेरिका से मदद मांग लो गाड़ी कैसे पलटी सब पता चल जाएगा. तो वही उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक एनकाउंटर के माध्यम से सरकार बन रही है. वहां विकास से किसी तरह का कोई लेना देना मौजूदा पार्टी को नहीं है.
अखिलेश यादव ने माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर को लेकर परिवार को कोर्ट जाने की नसीहत दी है साथ ही परिवार को पीड़ित बताया है. अखिलेश ने योगी सरकार के साथ ही केंद्र की बीजेपी सरकार को भी जमकर आड़े हाथों लिया. वहीं उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की भूमिका को लेकर कहा कि वो बड़े नेता है और कांग्रेस को अपनी भूमिका खुद तय करनी है, लेकिन यदि कांग्रेस को भाजपा से लड़ना है तो कांग्रेस को क्षेत्रीय मजबूत दलों के साथ खड़ा होना पड़ेगा. तो वहीं जिस तरह से आने वाले दिनों में बीजेपी से लड़ने के लिए तीसरा दल तैयार हो रहा है उस में प्रमुख रूप से मुख्यमंत्री केसीआर और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित अन्य लोग शामिल हैं.
अब देखना होगा कि जिस तरह से ये तीसरा गठबंधन खड़ा हो रहा है. वह बीजेपी सरकार से किस तरह से चुनाव लड़ता है. तो वही जिस तरह से ईडी और सीबीआई का आज बीजेपी की सरकार उपयोग कर रही है, बिल्कुल वैसा ही उपयोग एक समय पर कांग्रेस किया करती थी. जिस तरह से आज कांग्रेस खत्म हुई है ऐसा ही हाल भाजपा का भी होगा. फिलहाल अखिलेश यादव ने जिस तरह से एक के बाद एक योगी सरकार और केंद्र सरकार को घेरने के दौरान जिस तरह से आरोप लगाए हैं निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश की सियासत जरूर गर्म हो सकती है.