



नई दिल्ली, इस्लाम धर्म और मुसलमानों पर उंगली उठाने वाले तथा विवादित बातों के लिए मशहूर पाकिस्तान में जन्मे तारिक फतह का लंबी बीमारी के बाद आज 73 साल की उम्र में निधन हो गया। तारिक फतेह की बेटी नताशा फतेह ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। नताशा फतेह ने लिखा कि उन सभी के साथ उनकी क्रांति जारी रहेगी, जो उन्हें जानते और प्यार करते थे।बता दें कि तारिक फतह इस्लामी कट्टरवाद और पाकिस्तान के खिलाफ आए दिन विवादित बयान देते रहते थे।
Lion of Punjab.
Son of Hindustan.
Lover of Canada.
Speaker of truth.
Fighter for justice.
Voice of the down-trodden, underdogs, and the oppressed.@TarekFatah has passed the baton on… his revolution will continue with all who knew and loved him.Will you join us?
1949-2023 pic.twitter.com/j0wIi7cOBF
— Natasha Fatah (@NatashaFatah) April 24, 2023
तारिक फतेह भारत के न्यूज चैनलों पर अक्सर डिबेट शो में इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलते नजर आते थे एक प्राइवेट न्यूज चैनल पर तारिक का ‘फतह का फतवा’ नाम का कार्यक्रम भी प्रसारित होता जिसमें ये एजेंडा होता था की कैसे मुसलमानों को बदनाम किया जा सके । उनके विवादास्पद बयानों को लेकर कई बार उन्हें जान से मारने की धमकी मिली। इसी साल फरवरी में फतह ने ट्वीट कर बताया कि कुछ लोगों ने उनका सिर तन से जुदा करने की योजना बनाई है। इससे पहले साल 2017 में बरेली के एक मुस्लिम संगठन ने तारेक फतेह का सिर कलम करने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी।
गौरतलब है कि हाल ही में कुछ दिन पहले तारेक फतह को लेकर सोशल मीडिया पर उनके निधन की अफवाहें फैलने थीं। दरअसल उनकी बेटी नताशा फतह नेअपने पिता को लेकर एक ट्वीट किया था जिसके बाद सोशल मीडिया पर फतह की मौत की खबर तेजी से फैलने लगी। कई लोग फतह को श्रद्धांजलि देने लगे। देखते ही देखते ट्विटर पर तारेक फतह ट्रेंड करने लगा लेकिन तब फतह की मौत की खबर पूरी तरह झूठी निकली थी।
तारिक फतेह का जन्म 20 नवंबर 1949 को कराची में हुआ था। परिवार मुंबई का रहने वाला था, लेकिन बंटवारे के बाद कराची चला गया था. तारिक ने कराची यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई की थी, एक पाकिस्तानी टीवी चैनल में खोजी पत्रकारिता करने से पहले 1970 में उन्होंने कराची सन नाम के अखबार में रिपोर्टिंग की। उन्हें दो बार जेल भी जाना पड़ा। बाद में उन्होंने पाकिस्तान छोड़ दिया और सऊदी अरब में सेटल हो गए। 1987 में फतेह कनाडा आ गए।