



लखनऊ, यूपी निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान समाप्त हो गया. शाम छह बजे तक राज्य निर्वाचान आयोग की वेबसाइट से अंतिम सूचना मिलने तक लगभग 46 प्रतिशत वोट पड़े थे. अभी वोटिंग के आंकड़ों में बदलाव भी हो सकता है.
गुरुवार को अच्छे मौसम के बावजूद मतदान की शुरुआत काफी धीमी रही, लेकिन धीरे-धीरे मतदान केंद्रों पर भीड़ उमड़ने लगी. वाराणसी, सहारनपुर, लखनऊ सहित कई जिलों में शुरुआत के एक-डेढ़ घंटे तक कई बूथ पर ईवीएम खराब होने से मतदान प्रभावित हुआ. लेकिन मतदान का समय खत्म होने तक वोटिंग के आंकड़े कुछ राहत पहुंचाने वाले रहे.
दोपहर एक बजे तक मतदान के प्रतिशत पर गौर करें तो बड़े शहरों में मतदान काफी कम रहा। दोपहर एक बजे तक 37 जिलों में सबसे अधिक 41.08 प्रतिशत मतदान शामली में पड़ा था जबकि श्रावस्ती में 40.8 फीसदी वोट पड़े थे। प्रयागराज में 17.7 प्रतिशत, वाराणसी में 24.15 प्रतिशत मतदान हुआ था, आगरा में 26.6 प्रतिशत मतदान हुआ था।
राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों से मतदाता सूची में गड़बड़ी के चलते मतदान से वंचित लोगों की काफी शिकायतें भी आ रही हैं। ऐसे लोगों का कहना है कि जब वह मतदान केन्द्र वोट डालने पहुंचे तो वहां वोटर लिस्ट में उनकी जगह किसी और का नाम अंकित था इसलिए उन्हें बगैर वोट डाले ही वापस लौटना पड़ा। ऐसे लोगों की मदद के लिए मौके पर बूथ लेबल आफिसर भी मौजूद नहीं रहे, जहां थे उनसे कुछ वंचित वोटरों की झड़प भी हुई।
काम आयी नेताओं की अपील
सीएम योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, शिवपाल यादव, बसपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की अपील के बावजूद वोटर दोपहर तक शांत बैठे रहे. ऐसा लग रहा था कि जैसे मतदाता वोटिंग पैटर्न को समझना चाह रहे थे. कम वोटिंग के रुझान से राजनीतिक दलों के होश उड़े हुये थे. लेकिन दोपहर एक बजे के बाद मतदान का प्रतिशत कुछ हद तक सुधरा, जो शाम 5 बजे 52 प्रतिशत के आस-पास जाकर रुका. इससे प्रत्याशियों ने भी राहत की सांस ली.