



नई दिल्ली, कश्मीर के राजौरी (Rajouri) में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच जारी मुठभेड़ में अब तक पांच जवान शहीद (Martyr) हो चुके हैं.
सेना (Indian Army) ने शुक्रवार (5 मई) को कहा कि राजौरी सेक्टर में चल रहे ऑपरेशन त्रिनेत्र में सुबह गंभीर रूप से घायल तीन जवानों ने दुर्भाग्य से दम तोड़ दिया. इससे पहले सुबह दो जवान शहीद हो गए थे. घटनास्थल पर सेना का हेलीकॉप्टर भी उड़ते हुए देखा गया है. जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह और एडीजीपी जम्मू मुकेश सिंह मौके पर मौजूद हैं.
सेना की उत्तरी कमान की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि उसके जवान पिछले महीने जम्मू क्षेत्र के भाटा धुरियां के तोता गली इलाके में सेना के ट्रक पर घात लगाकर हमला करने वाले आतंकवादियों के एक समूह के खात्मे के लिए लगातार खुफिया सूचना आधारित अभियान चला रहे हैं. बयान में कहा गया कि राजौरी सेक्टर में कांडी वन में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशिष्ट सूचना के आधार पर तीन मई को संयुक्त अभियान शुरू किया गया था.
आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़
इसमें कहा गया कि शुक्रवार सुबह करीब साढ़े सात बजे तलाशी दल ने एक गुफा में छिपे आतंकवादियों के एक समूह को घेरा. चट्टानों और खड़े पर्वतीय क्षेत्रों से घिरा यह इलाका बेहद घना जंगली क्षेत्र है. आतंकवादियों ने इसके जवाब में विस्फोट कर दिया. सेना की टीम में शामिल दो सैन्यकर्मी शहीद हो गए और एक अधिकारी समेत चार जवान घायल हो गए. घायलों को उधमपुर के कमांड अस्पताल ले जाया गया.
Op Trinetra
Progress UpdateIn the ongoing operation three soldiers who were injured earlier have unfortunately succumbed to their injuries
Operations are still in progress
— White Knight Corps (@Whiteknight_IA) May 5, 2023
घायल अधिकारी मेजर रैंक के हैं. घायलों में से तीन जवानों ने बाद में दम तोड़ दिया. आसपास से अतिरिक्त टीमों को मुठभेड़ स्थल भेजा गया है. शुरुआती खबरों के अनुसार आतंकवादियों का एक समूह इलाके में फंसा हुआ है. बयान में कहा गया कि आतंकवादी समूह में भी हताहत होने की संभावना है और ऑपरेशन जारी है. इस बीच पीएएफएफ ने पुंछ हमले की जिम्मेदारी ली है.
आतंकियों से लोहा लेते हुए ये जवान ऐसे समय में शहीद हुए हैं जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो एससीओ की बैठक में शामिल होने के लिए भारत के दौरे पर हैं. इस दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद को लेकर दो टूक कहा कि आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तपोषण के सभी तरीकों को रोका जाना चाहिए. हम इस बात को मजबूती से मानते हैं कि आतंकवाद को कभी जायज नहीं ठहराया जा सकता, सीमापार आतंकवाद समेत इसके सभी स्वरूपों का खात्मा किया जाना चाहिए. आतंकवाद की अनदेखी करना हमारे सुरक्षा हितों के लिए नुकसानदेह होगा.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने जवानों की शहादत पर दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट किया कि राजौरी से दुखद खबर, जहां सेना के 5 जवानों ने ड्यूटी के दौरान अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. आतंकवाद एक अभिशाप है जिसने जम्मू-कश्मीर में दशकों से कई जिंदगियों को तबाह कर दिया है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए. आज हमने जिन लोगों को खोया है, उनके परिवारों के प्रति मैं गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं.