



नई दिल्ली, दुनिया के खत्म होने की अफवाह समय-समय पर उड़ती रहती है. कभी किसी उल्कापिंड के टकराने से तो कभी भीषण सुनामी में धरती के डूबने की चेतावनी आपने कई बार सुनी होगी. अब तो सोशल मीडिया पर कई लोग खुद को टाइम ट्रैवलर बताकर भी भविष्य से जुड़ी बातें लोगों को बताते हैं.
इनमें दुनिया की तबाही भी शामिल है. हालांकि, अभी तक की सारी भविष्यवाणियां गलत ही साबित हुई है. लेकिन जब नासा ऐसी कोई वार्निंग जारी करता है तो लोगों के दिल की धड़कन बढ़ जाती है.
नासा अंतरिक्ष की गतिविधि पर पैनी नजर रखता है. किस ग्रह की चाल कैसी है, कौन सा चट्टान धरती के आपस आ रहा है, जैसी तमाम चीजों पर नासा की नजर होती है. समय-समय पर नासा भी कई तरह की चेतावनी जारी करता रहता है. हाल ही में नासा ने जो नया ऐलान किया, उसे जानने के बाद लोगों के दिल की धड़कन बढ़ गई है. आखिर ऐसा हो भी क्यों ना? नासा ने खुलासा किया है कि जब धरती पर प्रलय आएगा, तब लोगों के पास मात्र आधा घंटा होगा. यानी कोई भी भविष्यवाणी लोगों को उनकी जान बचाने में मदद नहीं करेगी.
अंतरिक्ष से ही आएगी तबाही
नासा के साइंटिस्ट्स के मुताबिक़, अंतरिक्ष से आई तबाही ही धरती के अंत का कारण बनेगी. उनके मुताबिक़, अंतरिक्ष में तूफ़ान आएगा, जो अपने चपेट में धरती को ले लेगा. इस सोलर स्टॉर्म की वजह से धरती पर आग की लपटें उठ जाएंगी. इस प्रलय से बचने का इंसान के पास मौका भी नहीं रहेगा. धरती तक आने में इस तूफ़ान को सिर्फ आधा घंटा लगेगा. यानी इतने कम समय में ही धरती का विनाश हो जाएगा.
स्पेस एजेंसी AI मॉडल की मदद से तबाही के बारे में सारी डिटेल्स निकाल रही है. इसके जरिये कैसे वॉर्निंग का सिस्टम डेवलप किया जाए, इसपर काम चल रहा है. नासा इस तकनीक पर काम कर रही है कि जब स्पेस से ये तूफान उठे, तो धरती पर इसकी जानकारी जल्दी पहुंच जाए. इसके लिए कई सैटेलाइट्स को काम पर लगाया गया है. लेकिन अभी तक ये देखा गया है कि जब स्पेस में तूफ़ान आता है तो ये सैटेलाइट सिग्नल देना बंद कर देते हैं. लेकिन अब AI की मदद से शायद इस समस्या का समाधान मिल जाएगा.