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राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना देश का अपमान है : राहुल गांधी

नई दिल्ली, देश का नया संसद भवन बन कर तयार है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नई संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. उपरोक्त उद्घाटन देश के राष्ट्रपति द्वारा नही कराए जाने से कांग्रेस समेत 19 विपक्षी पार्टियों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का ऐलान किया है.

इन सबके बीच राहुल गांधी ने बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना देश का अपमान है.

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना, यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है. उन्होंने लिखा कि संसद अहंकार की ईंटों से नहीं बल्कि संवैधानिक मूल्यों से बनती है. इससे पहले राहुल गांधी ने कहा था कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं

गृह मंत्री अमित शाह से बुधवार (23 मई) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूरदर्शिता का प्रमाण है. उन्होंने पीएम के उद्घाटन करने पर विपक्ष बहिष्कार कर रहा है. जब आप इसे वैदिक तरीके से स्थापित करेंगे तो क्या होगा? सवाल देते हुए कहा कि हमने सबको बुलाया है. आप इसे राजनीति के साथ मत जोड़िए. यह पुरानी परंपराओं से नए भारत को जोड़ने की भावनात्मक प्रक्रिया है. ब्रिटिश हुकूमत से भारत को हस्तांतरित की गई सत्ता के प्रतीक ऐतिहासिक ‘सेंगोल’ को नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा.

शाह ने बताया कि सेंगोल अभी इलाहाबाद में एक संग्रहालय में है. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अंग्रेजों से सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर ‘सेंगोल’ लिया था. शाह ने कहा कि ‘सेंगोल’ स्थापित करने का उद्देश्य तब भी स्पष्ट था और अब भी है. उन्होंने कहा कि सत्ता का हस्तांतरण महज हाथ मिलाना या किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करना नहीं है और इसे आधुनिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय परंपराओं से जुड़ा रहना चाहिए. यह नए भारत के निर्माण में हमारी सांस्कृतिक विरासत, परंपरा और सभ्यता को आधुनिकता से जोड़ने का एक सुंदर प्रयास है.

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