अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी से बदले पूर्वांचल के राजनीतिक समीकरण

उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में नागरिक सुरक्षा के महानिदेशक पद तक पहुंच चुके पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी के साथ ही उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल की पूरी राजनीति का खाका बदल गया है।बलिया जैसे राजनीतिक रूप से महत्तवपूर्ण जनपद के आलावा मऊ,गाजीपुर,बनारस, कुशीनगर,गोरखपुर और श्रावस्ती जैसे पूर्वांचली जिलों में अमिताभ ठाकुर की इमानदार छवि और कार्यशैली के चलते व्यापक लोकप्रियता प्राप्त है।लेकिन अब घोसी जिले की बलात्कार पीड़िता और उसके पिता द्वारा आत्मदाह कर लिए जाने की घटना में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर के साथ बसपा सांसद अतुल राय और मुख्तार अंसारी गिरोह भी शामिल हो गया है। यह सब कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पूर्वांचल में गहरी पैठ को समाप्त करने की किसी राजनीतिक षंणयत्र योजना के अचानक विफल हो जाने जैसा कांड नज़र आ रहा है।राजनीतिक समीकरणों में मुख्तार गिरोह को प्रगतिशील समाजवादी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का सहयोगी और संरक्षण प्राप्त गिरोह बताया जाता है।ये वही शिवपाल सिंह यादव है जो कभी उत्तर प्रदेश में मुख्तार अंसारी पर चल रहे मुकदमों को खारिज करवाकर समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलवाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ़ लगातार पांच साल तक खड़े नज़र आते रहें थे।यहां तक की मुख्तार को समाजवादी पार्टी में शामिल न करा पाने की हताशा में ही उन्होंने समाजवादी पार्टी को तोड़ देने की धमकी दी थी और अपनी नयी पार्टी बनाने की घोषणा की थी।आज जब पूरे देश में अचानक चर्चित हुए इस नये निर्भया कांड की लपटे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी की कुर्सी तक पहुंच रही है तो बलात्कार पीड़िता को आत्महत्या के उकसाने के मामले में मुख्तार अंसारी का नाम आना एक बहुत बड़े राजनीतिक उलट फेर का संकेत है,क्योंकि पिछले दिनों शिवपाल सिंह यादव ने अपनी उछल कूद से उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के भीतर अपनी पैठ इतनी बना ली थी कि राजनीतिक हलकों में शिवपाल सिंह यादव की पार्टी को भाजपा की ही बी टीम कहा जाने लगा था। ऐसे समय में अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार को बदनाम करने के षंणयत्र में मुख्तार अंसारी गिरोह और बसपा सांसद अतुल राय का एक साथ नाम आना मायावती और शिवपाल सिंह यादव दोनों के लिए किसी गहरे सदमें से कम नहीं हैं, क्योंकि अब इन्हें निकट भविष्य में योगी आदित्यनाथ की जीरोटाॅरलेंस प्रशासनिक कार्यशैली का नतीजा भुगतना पड़ सकता है।
इसके साथ ही मुख्तार अंसारी को भाजपा में लाने की सम्भावित मोदी शाह योजना पर भी पूर्णविराम लगना तय है। भाजपा के भीतर भी शिवपाल यादव,मायावती और मुख्तार अंसारी के गिरोह से जुड़े समर्थकों और शुभचिंतको को भी अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी से अपने अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है।

वरिष्ठ पत्रकार अनुरूप मिश्रा की कलम से

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