लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रवि कांत को थप्पड़ मारने वाले छात्र की गिरफ्तारी पर रोक

लखनऊ लखनऊ विश्वविद्यालय के बहुचर्चित थपड़ कांड मे उच्च न्यायालय द्वारा मामले में नामजद छात्र कार्तिक पांडेय को राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया हैं।वहीं उच्च न्यायालय के फैसले से विद्यार्थियों में खुशी की लहर है विश्वविद्यालय के छात्रों ने फैसले का स्वागत करते हुए इसे सत्य की विजय कही है।
कार्तिक पांडेय के मामले को देख रहे अधिवक्ताओं एडवोकेट चैतन्य शिखर शर्मा ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा की इससे छात्रों में न्याय व्यवस्था के प्रति सम्मान बढेगा। विद्या के मंदिर में गुरु शिष्य परम्परा को बचाये रखने एवं नैतिक मूल्यों की स्थापना की दिशा में ये फैसला उपयोगी सिद्ध होगा।
बता दे 18 मई को विश्वविद्यालय के विवादित प्रोफेसर रविकांत चन्दन द्वारा ये आरोप लगाते हुए छात्र के विरुद्ध हमला करने एवं जातिसूचक शब्दावली प्रयोग करते हुए मारने पीटने की बात कहते हुए, हसनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। विश्विद्यालय का माहौल खराब करने का आरोप छात्रों पर लगाया गया था। प्रो. रविकांत ने विगत दिनों ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग को लेकर हिन्दू आस्था पर अमर्यादित टिप्पणी की थी। जिसे लेकर प्रोफेसर के विरुद्ध न्यायसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया जा चुका है।

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