बैडमिंटन खेलते समय बीएससी छात्रा हुई बेहोश, डाक्टरों ने किया मृत घोषित, कार्डियक डेथ या कुछ और? पोस्‍टमार्टम से खुलेगा राज

लखनऊ, डीएवी पीजी कॉलेज के परिसर में शुक्रवार दोपहर बाद बैडमिंटन खेलते-खेलते बीएससी प्रथम वर्ष की एक छात्रा अचानक बेहोश हो गई। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

छात्रा के परिजनों, अस्पताल प्रशासन और अपने आला अधिकारियों से बात करने के बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

असुरन के गीता वाटिका निवासी गौरी मिश्रा (उम्र 18 वर्ष) पुत्री राजेश मिश्रा डीएवी कॉलेज में बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा थी। शुक्रवार दोपहर बाद करीब ढाई बजे वह बैडमिंटन खेल रही थी, उसी दौरान अचानक बेहोश होकर गिर गई। वहां मौजूद छात्र-छात्राओं ने शोर मचाया, जिसके बाद वहां कॉलेज के शिक्षक और कर्मचारी भी जुट गए। किसी तरह छात्रा को जिला अस्पताल ले जाया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका। प्रथमदृष्टया मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है।

छात्रा के निधन की सूचना पर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं जिला अस्पताल पहुंच गए। छात्रों ने आरोप लगाया कि कॉलेज ने छात्रा को अस्पताल ले आने में कोई मदद नहीं की। छात्रों ने अपनी ही व्यवस्था से अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में भी काफी देर तक कॉलेज के कोई अधिकारी, शिक्षक या कर्मचारी नहीं पहुंचे।

गौरतलब है कि युवाओं में सडेन कार्डियक डेथ के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जिले में महज 15 दिन पहले ही एक और वाकया हुआ था। घटना बीआरडी में हुई थी। यहां एनओसी लेने आए 28 वर्ष के चिकित्सक की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।

घटना बीते 17 नवंबर की है। देवरिया के रहने वाले डॉ. अभिषेक कुमार 16 नवंबर की शाम को बीआरडी पहुंचे। वह देवरिया रेलवे अस्पताल में 2022 से पोस्टेड थे। वह बीआरडी में 2016 बैच के छात्र थे। रात में वह हॉस्टल में रुके। जहां उनके सीने में दर्द उठा। उस समय उन्होंने एसिडिटी की दवा ले ली। अगले दिन वह हास्टल से एनओसी बनवाने जा रहे थे। इस दौरान एक बार फिर सीने में दर्द हुआ। साथी उन्हें पहले मेडिसिन विभाग ले गए। वहां से डॉक्टर ने हृदयरोग विभाग भेजा। वहां जाते समय डॉ. अभिषेक बेहोश हो गए। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

वहीँ डीएवी पीजी की प्रिंसिपल प्रो.शैल पांडेय ने कहा कि इधर ट्रैफिक जाम रहता है, इसलिए बाइक से छात्रा को अस्पताल ले जाया गया ताकि जल्द से जल्द उपचार हो सके। साथ में कॉलेज के कर्मचारी भी गए थे। छात्रा के निधन की सूचना के बाद मैं खुद भी पहुंची थी।

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