ऑनलाइन धोखाधड़ी पर करें 155260 कॉल, साइबर धोखाधड़ी (Cyber Fraud) के 3.17 लाख मामले दर्ज

नई दिल्ली, कैशलेस यानी डिजिटल भुगतान के बढ़ते प्रचलन के बीच साइबर फ्रॉड/धोखाधड़ी के मामले भी खूब सामने आ रहे हैं।

महामारी के समय तो काफी लोग इसका शिकार हुए। नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पैनल के मुताबिक कोरोना काल के दौरान (डेढ़ साल में) साइबर धोखाधड़ी (Cyber Fraud) के 3.17 लाख मामले दर्ज किए गए। इन्हीं सबको देखते हुए केंद्र सरकार ने एक ऐसी हेल्पलाइन का संचालन शुरू किया जिसकी मदद से आप अपनी आर्थिक हानि को रोक सकते हैं।

सुरक्षित डिजिटल पेमेंट इको-सिस्टम प्रदान करने के मकसद से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन 155260 और रिपोर्टिग प्लेटफॉर्म का संचालन शुरू किया। अगर आप के साथ किसी भी तरह की साइबर धोखाधड़ी हुई है और तत्काल इस हेल्पलाइन नम्बर पर फोन करते हैं तो आपकी गाढ़ी कमाई बच सकती है।

155260 पर कॉल करने से फ्रॉड करने वाले अपराधी का खाता तत्काल प्रभाव से सीज कर दिया जाता है। दावा किया गया है कि अब तक इस हेल्पलाइन नंबर की मदद से 27 करोड़ की साइबर धोखाधड़ी पकड़ी जा चुकी है। इस हेल्पलाइन के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप इस वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं- https://cybercrime.gov.in/। ये वेबसाइट आपको साइबर फ्रॉड से बचने के लिए हर तरीके से जागरूक करती है। और उन तरीकों की जानकारी भी देती है जिसको अपनाकर आप फ्रॉड का शिकार होने से बच सकते हैं।

फ्रॉड करनेवाले आपको फेक मैसेज/इमेल के जरिए पीड़ित को इस बात का लालच देते हैं कि उन्हें बड़ी लॉटरी लगी है। और एक बार पीड़ित जब उनकी जाल में फंस जाता है फिर पैसे की मांग करते हैं।

ऐसे में आपको कभी भी ऐसे इमेल या मैसेजेज का जवाब नहीं देना है। ना ही किसी भी ऐसे अंजान शख्स को भुगतान करें। मैसेज के साथ अपराधी लिंक भेजते हैं जिसपर क्लिक कर लॉटरी को क्लेम करने को कहते हैं। ऐसे मैसेज को तुरंत अपने फोन से डिलीट कर दें। और बिल्कुल भी जवाब ना दें।

ये तो साइबर फ्रॉड का सिर्फ एक उदाहरण है। इसके अलावा झूठे विज्ञापनों और लोन देने, केवाईसी (रिमोट एक्सेस फ्रॉड), बिजनेस इमेल कम्प्रोमाइज जैसे कई उनके तरीके हैं जिसके जरिए वे लोगों को लूटते हैं।

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