क्या एक बार फिर पलटी मार सकते हैं OP राजभर, UP कैबिनेट के विस्तार के बाद क्या निर्णय लेंगे सुभासपा अध्यक्ष

लखनऊ, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर  (Om Prakash Rajbhar) लोकसभा चुनाव के पहले एनडीए छोड़कर इंडिया गठबंधन का दामन पकड़ सकते हैं.

यूपी के मंत्रिमंडल में शामिल होने की अटकलों को बीच राष्ट्रीय लोकतांत्रित गठबंधन (NDA) के सहयोगी पार्टी के सुभासपा (SBSP)के अध्यक्ष ने यह बयान देकर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है कि कैबिनेट का विस्तार (UP cabinet expansion)होने के बाद वह सही निर्णय लेंगे. वह कमजोर नहीं हैं. ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद निर्णय लूंगा. इंडिया गठबंधन के कई बड़े नेता उनके संपर्क में हैं. बार- बार राजनीतिक पलटी मारने के सवाल पर सुभासपा सुप्रीमो ने साफगोई और पूरी ईमानदारी से यह बात स्वीकार की कि सभी नेता दो मुंहे सांप होते हैं. कौन नेता कब कहां पलटी मार ले यह कोई नहीं जानता.उन नेताओं में से मैं भी एक हूं. कोई भी पार्टी दूध की धुली नहीं है. समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव का साथ छोड़कर भाजपा के साथ आए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) राजभर के के एनडीए में शामिल होने के बाद से ही मंत्री बनने की अटकलें लगाई जा रही थीं. दशहरा तक मंत्रीपद की शपथ ग्रहण करने के दावा तक किए जा रहे थे. लंबा इंतजार के बाद भी मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज राजभर का मंगलवार को दिया गया बयान सियासी गलियारों में भाजपा पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है.

भाजपा का नाम लिए बिना उन्होंने यह बताने की कोशिश की कि घोसी में हुए विधान सभा उपचुनाव के बाद भाजपा नेतृत्व यदि उनको कमजोर आंकने की कोशिश कर रहा है तो यह उसकी बहुत बड़ी भूल है. जोश के साथ मुठ्ठी बांधते हुए वह कहते हैं ” कोई यह सोचता है कि वह कमजोर हो गए हैं तो वह जान लें कि हम (सुभासपा) यूपी से चढ़कर बिहार तक पहुंच गए हैं. पटना, सिवान, भभुआ, में कार्यक्रम किए हैं. बिहार में नवंबर और दिसंबर में आठ कार्यक्रम और करने जा रहे हैं. यूपी में होने जा रहे कार्यक्रम की तारीखें तक गिना दीं. एनडीए की इस गलतफहमी को भी दूर करने कोशिश कि सुभासपा एनडीए का हिस्सा है तो इंडिया के नेताओं से बातचीत नहीं होगी. राजभर से खुलकर कहा कि राजनीति अपनी जगह है और संबंध अपनी जगह पर है. यहां तक बता दिया कि कुछ देर पहले आचार्य प्रमोद (Acharya Pramod Krishnam) कृष्णन से उनकी बातचीत हुई है. इंडिया गठबंधन के नेताओं के साथ उनकी बातचीत सामान्य रूप से होती रहती है.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वह रोहिणी आयोग की रिपोर्ट (Rohini Commission Report)लागू करने की बात अपनी जुबान तक पर नहीं ला रहे हैं. राजभर से जब यह पूछा गया कि वह जिस एनडीए गठबंधन के साथ हैं तब यह रिपोर्ट लागू क्यों नहीं हो रही? इस सवाल के जवाब में राजभर का कहना था कि वे भाजपा के सामने लगातार इस रिपोर्ट को लागू करने की मांग रख रहे हैं. उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं की मंशा पर सवाल उठाया है कि लोकसभा और विधान सभा में पिछड़ों के लिए 27 फीसदी आरक्षण लागू क्यों नहीं हो रहा है.

पूर्व मंत्री एवं समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मोर्य के धार्मिक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि वह संविधान को भी नहीं मानते हैं. धर्म को लेकर टीका टिप्पणी करने वालों को नसीहत देते हुए कहा कि सभी को अधिकार है कि वह अपने- अपने धर्म की अच्छाई बताए. उसका प्रचार प्रसार करे लेकिन दूसरे धर्म का विरोध करना गलत है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मौर्य पिछड़ों की चिंता केवल दिखावा है. यदि उनको लगता है कि अगड़ों ने पिछड़ों का हक मारा है कि तो अखिलेश यादव से कहकर वह सपा से अगड़ी जाति के नेताओं को निकलवा दें. वह मलाई खाने वाले नेता है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा में शामिल होकर पांच साल तक लाभ लिया.

एक सवाल के जवाब में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव देव मौर्य को लेकर कहा कि वह प्रचार के लिए ऐसा करते हैं.केशव देव मौर्य को लगता है कि यदि वह राजभर का विरोध करेंगे तो उनको प्रचार अधिक मिलेगा. राजभर ने यहां तक दावा किया है कि खुद डिप्टी सीएम ने उनसे यह बात कही है.

 

15 सितम्बर, 1962 को वाराणसी में जन्मे ओम प्रकाश राजभर पिछड़े वर्ग से आते हैं. वह स्नातक शिक्षित हैं. राजभर जिला कारागार वाराणसी में 13 दिन बंदी रह चुके हैं. वह सत्रहवीं विधान सभा में पहली बार सदस्य (MLA)निर्वाचित हुए. ओम प्रकाश राजभर 2017-2019 तक पिछड़ा वर्ग कल्याणएवं दिव्यांग कल्याण, जन विकास मंत्री रह चुके हैं. इस बार वह जिला गाज़ीपुर की जहूराबाद सीट से विधायक चुने गए है. उनकी सुलेहदेव भारतीय समाज पार्टी की विधान सभा में 6 सदस्य हैं.

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