आधार से जुड़ेंगे जाति और आय प्रमाण पत्र, केंद्र सरकार ने बनाई योजना

नई दिल्ली, देश में पैन कार्ड और कई सरकारी योजनाओं को आधार से लिंक करने के बाद अब केंद्र सरकार ने जाति और आय प्रमाण पत्रों को भी Aadhaar से जोड़ने की योजना बनाई है. इससे सरकार को एक ऑटोमेटिक वेरिफिकेशन सिस्टम बनाने में मदद मिलेगी.

इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक सरकार जाति और आय के प्रमाणपत्रों को आधार से लिंक करने की तैयारी कर रही है. सरकार का कहना है कि इससे सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियों के 60 लाख लोगों को छात्रवृत्ति मिलना सुनिश्चित होगा. जाति और आय के प्रमाणपत्र आधार से लिंक होने के बाद ऑटोमेटिक वेरिफिकेशन सिस्टम के जरिए सरकार को सही लाभार्थी तक लाभ पहुंचाने में मदद मिलेगी.

इन राज्यों में शुरू होगी पहल

सरकार ऑटोमेटिक वेरिफिकेशन सिस्टम के जरिए स्कॉलरशिप बांटने का काम पहले राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में करेगी, क्योंकि इन राज्यों ने जाति और आय के प्रमाणपत्रों को आधार से लिंक करने का काम पूरा कर लिया है. इस व्यवस्था से पात्र बच्चों को समय से स्कॉलरशिप मिल सकेगी.

डिजिटल होगी स्कॉलरशिप व्यवस्था

ईटी ने एक सरकारी अधिकारी के हवाले से खबर दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सचिवों के साथ बैठक के बाद ये फैसला किया गया है. इस बैठक में अनुसूचित जाति के बच्चों को मेट्रिक (दसवीं) के बाद दी जाने वाली स्कॉलरशिप व्यवस्था को पूरी तरह डिजिटल बनाने का सुझाव दिया गया था. इस सुझाव पर अमल करते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में इस योजना को अमलीजामा पहनाने का लक्ष्य रखा है.

केंद्र की मोदी सरकार के इस कदम के कई राजनीतिक मायने भी हैं. मौजूदा वक्त में कई लोगों को ये जानकारी ही नहीं होती कि उन्हें सरकार से मेट्रिक से पहले या बाद की छात्रवृत्ति मिल रही है. कई मामलों में मंत्रालय ने एक ही बैंक खाते को 10 और 12 छात्रों से जुड़ा पाया, इससे पता चलता है कि खाते का हिसाब-किताब संस्थान देखते हैं और इनका छात्रों से सीधा कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन अब इनके आधार से जुड़ने के बाद हर छात्र के खाते में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के माध्यम से सीधे छात्रवृत्ति पहुंचेगी. आने वाले चुनावों के दौरान भाजपा इसे भुना भी सकती है, जैसा उसने हाल में संपन्न उत्तर प्रदेश के चुनावों में सरकारी योजनाओं के लाभ को सीधे लोगों के खाते में पहुंचाकर किया.

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