आ गयी कोरोना कवच पॉलिसी, संक्रमित लोगों के इलाज में होगी मददगार

नई दिल्ली, कोरोना कवच पॉलिसी सिर्फ और सिर्फ कोरोना होने पर ही कवर देती है। इसका इस्तेमाल आप कोरोना के इलाज में आने वाले खर्च के लिए कर सकते हैं। कोरोना कवच जनरल हेल्थ कवर से काफी अलग है क्योंकि इसमें सिर्फ कोरोना का ही इलाज करा सकते हैं। जबकि जनरल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में आपको सभी बीमारियों का कवर मिलता है। साथ ही कोरोना कवच का जो प्रीमियम होता है, वो जनरल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से काफी कम होता है।

कोरोना कवच खासतौर पर कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर बनाया गया है। जिसमें संक्रमित व्यक्ति को बेड का चार्ज, नर्सिंग चार्ज, ब्लड टेस्ट, पीपीई किट, ऑक्सीजन, आईसीयू और डॉक्टर की कंसल्टेशन फीस आदि का मुफ्त कवर दिया जाता है। ये सभी खर्च आपकी इस एक पॉलिसी में कवर हो जाएगा। इसके अलावा अस्पातल से डिस्चार्ज होने के बाद भी अगले 30 दिनों का मेडिकल खर्च भी इस पॉलिसी में शामिल है। साथ ही मरीज का इलाज घर से ही कराने पर आपको 14 दिनों की देख-रेख के साथ ही दवाइयों का खर्च भी दिया जाता है।

बात अगर इस पॉलिसी में मिलने वाली रकम की करें, तो कोरोना कवच नाम की इस पॉलिसी में आपको 5 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद मिलती है, जिसके लिए इंश्योरेंस की रकम 50 हजार से लेकर 5 लाख तक की हो सकती है। वहीं, इसकी समय सीमा साढ़े तीन महीने से लेकर 6 और 9 महीने तक हो सकती है। कोरोना कवच एक शॉर्ट टर्म पॉलिसी है, इस पॉलिसी का लाभ 18 साल से लेकर 65 साल तक के लोग उठा सकते हैं। इस पॉलिसी के प्रीमियम के तौर पर आपको अपने प्लान के अनुसार 500 से 6 हजार रुपये तक देने पड़ते हैं, जिस पर जीएसटी भी लगता है।

यही नहीं, इस कवच पॉलिसी में मरीज के आयुर्वेदिक उपचार में भी लगने वाले खर्चों को शामिल किया गया है। इसके साथ ही आपको अस्पताल जाने और यहां से घर ले जाने के लिए एंबुलेंस का खर्चा भी इस पॉलिसी से मिलता है। इसके लिए पॉलिसी के नियम और शर्तों के अनुसार आपको कम से कम 24 घंटे के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ेगा, ये जरूरी है।

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