कोरोना टीकाकरण प्रमाणपत्र पर जन्मतिथि हुई अनिवार्य, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए कोविन वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में हुआ बदलाव

नई दिल्ली, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए कोविन वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में अहम बदलाव हुआ है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के सीईओ डा आरएस शर्मा के अनुसार, जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक ले ली हैं और विदेश यात्रा करना चाहते हैं, उनके कोरोना टीकाकरण प्रमाणपत्र उनकी पूरी जन्मतिथि लिखी होगी।

इसमें वर्ष-महीना-दिन (yyyy-mm-dd) प्रारूप का पालन किया जाएगा और यह अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों के अनुसार होगी।

समाचार एजेंसी से बात करते हुए डा शर्मा ने कहा, ‘चूंकि दुनिया धीरे-धीरे व्यापार और यात्रा के लिए खुल रही है, हम यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय यात्री बगैर किसी परेशानी के यात्रा कर सकें।अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए यह नई सुविधा डब्ल्यूएचओ मानकों के अनुसार होगी।’ उन्होंने कहा कि विदेश यात्रा करने वाला प्रत्येक व्यक्ति अपने पासपोर्ट के अनुसार अपनी जन्मतिथि दर्ज करके कोविन पर अपने टीकाकरण प्रमाणपत्र को अपडेट कर सकता है और फिर से प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकता है।

डा शर्मा ने कहा कि वर्तमान में सर्टिफिकेट पर केवल जन्म का वर्ष लिखा होता है, जो प्रमाण पत्र में एक व्यक्ति की उम्र के रूप में प्रतिबिंबित होता है। बता दें कि ब्रिटेन ने 22 सितंबर को अपने नए यात्रा दिशानिर्देश जारी किए। इसमें भारत में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा कोविशील्ड के नाम बनाई जा रही एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को अपने अनुमोदित कोरोना टीकों की अपडेटेड लिस्ट शामिल किया था। ब्रिटेन ने पहले कोविशील्ड को मान्यता नहीं दी थी। इसके कारण उसकी काफी आलोचना हुई और फिर उसे यह कदम उठाना पड़ा।

हालांकि, कोविशिल्ड की दोनों डोज लेने वाले भारतीय यात्रियों को अभी भी ब्रिटेन में 10 दिनों तक आइसोलेशन में रहना होगा। लिस्ट में कोविशील्ड को शामिल करने के बाद ब्रिटेन के अधिकारियों ने बुधवार को स्पष्ट किया था कि वैक्सीन को शामिल करने से भारतीय यात्रियों को लेकर नियमों में बहुत फर्क नहीं पड़ेगा

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