नई दिल्ली, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से अरविंदर सिंह लवली ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 4 पन्नों की इस्तीफे वाली चिट्ठी में दिल्ली कांग्रेस की कलह सबके सामने रखी है।
अरविंदर सिंह लवली दिल्ली कांग्रेस प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया के साथ चल रहे अनबन और दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन की वजह से नाराज थे। लवली ने अपने पत्र में नाराजगी और इस्तीफे के पीछे की वजह बताई है।
Arvinder Singh Lovely resigns from the position of Delhi Congress president.
"The Delhi Congress Unit was against an alliance with a Party which was formed on the sole basis of leveling false, fabricated and malafide corruption charges against the Congress Party. Despite that,… https://t.co/Y1A360fuut pic.twitter.com/hLP9RtnzUE
— ANI (@ANI) April 28, 2024
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे अपने इस्तीफे में लवली ने कहा कि वह खुद को “विकलांग” महसूस करते हैं और दिल्ली कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष के रूप में बने रहने में असमर्थ हैं।
लवली ने लिखा, ”यह पत्र बहुत भारी मन से लिख रहा हूं…। मैं पार्टी में एकदम लाचार महसूस करता हूं। इसलिए मैं दिल्ली के अध्यक्ष पद पर नहीं बना रह सकता हूं। दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के लिए गए सभी सर्वसम्मत फैसलों पर एकतरफा दिल्ली के प्रभारी (दीपक बाबरिया) रोक लगा देते हैं।”
उन्होंने आगे लिखा, ”जब से मुझे दिल्ली का पार्टी अध्यक्ष बनाया गया है, तब से मुझे किसी को भी सीनियर पद पर नियुक्त करने की कोई इजाजत नहीं दी गई।” इस पत्र में लवली ने यह भी दावा किया कि बाबरिया के तौर-तरीकों पर आपत्ति जताने वाले नेताओं को निष्कासित करने के लिए उन पर “जबरदस्त दबाव” था।
अरविंदर सिंह लवली ने लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली में AAP के साथ कांग्रेस के गठबंधन का जिक्र किया है। अरविंदर सिंह लवली बोले, ”दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन बनाने के खिलाफ थी जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी। बदले में, जिसके आधे कैबिनेट मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं।”
लवली ने कहा कि वह आप के साथ पार्टी के गठबंधन के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन वह कांग्रेस के उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट के उम्मीदवार कन्हैया कुमार द्वारा आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की प्रशंसा करने से निराश हैं।
लवली ने कहा, “उत्तर पूर्वी दिल्ली के उम्मीदवार भी पार्टी लाइन और स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं की मान्यताओं का उल्लंघन करते हुए दिल्ली के सीएम की झूठी प्रशंसा करते हुए मीडिया बाइट्स दे रहे हैं।”
लवली ने दावा किया कि गठबंधन में कांग्रेस को तीन लोकसभा सीटें दी गईं, जिनमें से दो उत्तर पश्चिम और उत्तर पूर्व – निर्वाचन क्षेत्र ऐसे लोगों को दिया गया, जिनके लिए ये क्षेत्र एकदम अलग है। बता दें कि उदित राज उत्तर पश्चिम दिल्ली में कांग्रेस-आप के संयुक्त उम्मीदवार हैं, जबकि कन्हैया कुमार को उत्तर पूर्व सीट से मैदान में उतारा गया है।
अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि उदित राज और कन्हैया कुमार को उम्मीदवार घोषित किए जाने से दिल्ली कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हंगामा और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि स्थिति को शांत करने का प्रयास करने के बावजूद, दीपक बाबरिया ने उनसे असंतुष्ट नेताओं को बाहर निकालने के लिए कहा और कई बार उनके साथ तीखी नोकझोंक भी हुई।
इसके अलावा अरविंदर सिंह लवली ने उदित राज की कथित अपमानजनक टिप्पणियों और कन्हैया कुमार द्वारा मीडिया को दिए गए बाइट्स का भी जिक्र किया है।
अरविंदर सिंह लवली ने अपने पत्र में लिखा, “चूंकि मैं पार्टी कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा नहीं कर सकता, इसलिए मुझे उक्त पद पर बने रहने का कोई कारण नहीं दिखता।”
बता दें कि अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल में कई मंत्री भूमिकाएं निभाईं। अप्रैल 2017 में वह भाजपा में शामिल हो गए लेकिन नौ महीने के छोटे कार्यकाल के बाद, वह फरवरी 2018 में वापस कांग्रेस में चले गए थे।