ढाका, बांग्लादेश आम चुनाव शुरू होने वाले हैं. ऐसे में दिल दहला देने वाली घकटना सामने आई है. वहां होने वाले आम चुनाव से पहले 5 जनवरी को ढाका में पेसेंजन ट्रेन में आग लगा दी गई. जिसमें चार लोगों की मौत की सूचना है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने स्थानीय समाचार पत्र ढाका ट्रिब्यून के हवाले से बताया है कि इंटरसिटी ट्रेन में सवार कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है.ये घटना ढाका के गोपीबाग इलाके में हुई. एसोसिएटेड प्रेस ने बताया कि 7 जनवरी को होने वाले राष्ट्रीय चुनाव से पहले कथित आगजनी का मामला सामने आया. –
देश के रेलवे अधिकारी के मुताबिक, जिस ट्रेन में ‘आग लगाई गई’ उसमें 292 यात्रियों में से ज्यादातर भारत से घर लौट रहे थे. यहां हो रहे चुनावों में दो प्रमुख राजनीतिक दल – सत्तारूढ़ अवामी लीग और मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं.
#WATCH | A passenger train was set on fire in Bangladesh's capital Dhaka yesterday (January 5) ahead of the country's general election this weekend.
At least four people died aboard the intercity train, reports Reuters quoting local newspaper Dhaka Tribune.
(Source: Reuters) pic.twitter.com/FoFZVsqZ6u
— ANI (@ANI) January 6, 2024
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के गोपीबाग में इंटरसिटी बेनापोल एक्सप्रेस ट्रेन में आग की घटना शुक्रवार रात करीब 9:05 बजे हुई और ट्रेन के कम से कम पांच डिब्बों में “उपद्रवियों” ने आग लगा दी. अभी तक पीड़ितों की पहचान नहीं हो सकी है.अग्निशमन सेवा और नागरिक सुरक्षा के ड्यूटी अधिकारी रकीबुल हसन के अनुसार, आग पर काबू पाने के लिए सात अग्निशमन इकाइयों को लाया गया था.
घटना के बाद, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) के अतिरिक्त आयुक्त (अपराध और संचालन) महिद उद्दीन ने आरोप लगाया कि बेनापोल एक्सप्रेस ट्रेन में आग एक “योजनाबद्ध हमला” था. यह घटना बांग्लादेश के आम चुनाव से ठीक दो दिन पहले हुई. उन्होंने कहा, “हम निश्चित रूप से नहीं कह सकते कि आगजनी किसने की” अधिकारी ने कहा कि जिन लोगों ने हमला किया उन्हें कानून के दायरे में लाया जाएगा. “आम लोगों, बच्चों और महिलाओं के प्रति ऐसा व्यवहार अमानवीय है. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस अधिकारियों को अभी भी डर है कि लोग ट्रेन के अंदर फंसे हो सकते हैं.
पूर्व प्रधान मंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने मौजूदा शेख हसीना पर अपने शासन के तहत स्वतंत्र या निष्पक्ष चुनाव नहीं कराने का आरोप लगाते हुए चुनावों का बहिष्कार करने की घोषणा की है.विपक्ष ने मतदान का संचालन करने के लिए एक तटस्थ कार्यवाहक सरकार की मांग की, जिसे यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि इस तरह के कदम के लिए संविधान में कोई प्रावधान नहीं है.