औचक निरीक्षण में मिलीं 50 लाख की कीमत की एक्सपायर दवाएँ, लोहिया अस्पताल का कारनामा, स्वास्थ्य मंत्री ने दिए जांच के आदेश

लखनऊ , सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दी जाने वाली दवाओं कि किस कदर बर्बादी की जा रही है, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के सामने आ गया।

गुरुवार को लोहिया अस्पताल के औचक निरीक्षण में पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री को पहले तो करीब आधे घंटे तक दवाओं की लिस्ट के लिए एक कमरे से दूसरे कमरे भटकना पड़ा, फिर जब उनके हाथों में दवाओं की लिस्ट आई, तो वह खुद हैरान रह गए। करीब 50 लाख की कीमत की 2 लाख 48 हजार 668 दवाएं एक्सपायर हो चुकी थीं। जिन्हें कंपनियों को वापस तक नहीं किया गया। यह स्थिति देख वह काफी नाराज हुए और तत्काल मामले की जांच कराने के निर्देश देते हुए चिकित्सा शिक्षा सचिव डीएस प्रियदर्शी को जांच अधिकारी बना दिया।

एक्सपायर दवाओं की लिस्ट लेने के लिए स्वास्थ्य मंत्री को काफी संघर्ष करना पड़ा। वह दोपहर करीब डेढ़ बजे एचआरएफ के मेन स्टोर पहुंचे। यहां उन्होंने कर्मचारियों से एक्सपायर दवाओं की लिस्ट मांगी। बार-बार कहने के बाद भी कर्मचारी लिस्ट उपलब्ध नहीं करा सके। एक कर्मचारी ने उन्हें बताया कि दवाओं की सूची मेन सर्वर रूम से मिलेगी। इस पर स्वास्थ्य मंत्री वहां पहुंच गए। यहां हालात और भी खराब मिले। कमरे में गंदगी मिलने के साथ ही कंप्यूटर रूम बंद मिले। यह देख वह खासे नाराज हुए और तत्काल स्थिति में सुधार लाने के निर्देश दिए। बता दें कि लोहिया संस्थान में हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड के तहत दवाओं की खरीद-फरोख्त की जाती है। नियम यह है कि ये दवाएं मरीजों को सस्ती दर पर दी जानी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वक्त गुजरता गया और दवाएं एक्सपायर हो गईं।

स्वास्थ्य मंत्री का पूरा फोकस एक्सपायर दवाओं पर था। वह बार-बार एक्सपायर दवाओं की लिस्ट मांग रहे थे, लेकिन उन्हें पूरी दवाओं की लिस्ट नहीं दी गई। जब उन्होंने सख्ती की तो वर्ष 2017 से वर्ष 2022 तक की करीब 322 पेज की एक्सपायर दवाओं की लिस्ट दी गई। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों से दवाओं की कीमत पूछी तो हर कोई इधर-उधर देखने लगा। एक्सपायर दवाओं की लिस्ट देखते हुए वह बोले कि मैैं ऐसे नहीं जाने वाला था। लिस्ट में साफ है कि 2 लाख 48 हजार 668 दवाएं एक्सपायर हो गईं और किसी ने ध्यान नहीं दिया। इनकी कीमत 50 लाख से अधिक है।

दवाओं की सच्चाई सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री को कई मरीज ओपीडी ब्लॉक के बाहर बैठे दिखे। वह तुरंत उनके पास पहुंच गए और उनका हालचाल लिया। सबसे पहले उन्होंने अयोध्या निवासी रेखा से संवाद किया। रेखा ने बताया कि उनका ऑपरेशन हो चुका है और अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। इसके बाद वह अन्य मरीजों के पास गए और उनके साथ ही जमीन पर बैठकर उनका हालचाल लिया। इसके बाद वह भोजन काउंटर पर पहुंचे और भोजन वितरित किया।

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