घोसी उपचुनाव समाजवादी पार्टी बम बम, बीजेपी हुई ठन ठन, जाने इसके राजनीतिक मायने

रायबरेली, उत्तर प्रदेश की घोसी विधान सभा में होने वाले उप चुनाव में लखनऊ ही नहीं दिल्ली की भी निगाहें लगी थीं। 18 जुलाई को विपक्ष का इंडिया संगठन बनने के बाद एन.डी.ए. में खलबली मच गयी और आनन-फानन में इंडिया को भारत में बदलने की सरकार की कवायद जोर पकड़ ली।

इस बहस के दौरान घोसी का चुनाव था, जिस पर सभी की निगाहें लगी थीं, क्योंकि इस चुनाव में प्रत्याशियों के साथ-साथ उनके प्रान्तीय व राष्ट्रीय नेताओं की साख दांव पर लगी थी।भाजपा के प्रत्याशी दारा सिंह के पराजित होने के साथ-साथ भाजपा की बंद मुट्ठी भी खुल गयी, जो खाली निकली। घोसी विधान सभा का चुनाव परिणाम भाजपा के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा। चुनाव परिणाम आते ही सपाईयों ने जगह-जगह मिठाई बांट कर अपनी खुशी का इजहार किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से रामसवेक वर्मा, ओपी यादव, मो0 साहिल, राम सिंह यादव, प्रदीप तिवारी ‘दीपू’, रामे यादव, अनिल प्रजापति, संदीप यादव, राजेन्द्र प्रताप, चन्द्रराज पटेल ‘बाले’, अतुल प्रधान, ब्रजेश यादव, पिंटू यादव, अमरजीत, धीरज पासी, भूपेन्द्र यादव, केडी जगदीशपुर, हेमंत कुशवाहा, आकाश यादव आदि सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने खुशी का इजहार किया।

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