Google 25: गूगल ने पूरे किए अपने 25 साल’, जानें कैसा रहा सिल्वर जुबली का सफर

नई दिल्ली, दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल आज यानी 4 सितंबर को 25 साल का हो गया है। 1998 में एक सर्च इंजन के तौर पर लॉन्च होने वाले इस प्लेटफॉर्म ने पिछले 25 सालों में पीछे मु़ड़कर नहीं देखा है।

वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) के लॉन्च के 5 साल के बाद गूगल एक सर्च इंजन के तौर पर लॉन्च हुआ था। वर्ल्ड वाइड वेब के आने के बाद से दुनिया छोटी लगने लगी। लोगों के कम्प्यूटर का एक्सेस पूरी दुनिया को हो गया। गूगल के जरिए लोगों को इंटरनेट पर मौजूद जानकारियां आसानी से मिलने लगी।

2006 में गूगल शब्द को आधिकारिक तौर पर डिक्शनरी में भी जगह मिल गई। हाल ही में गूगल सर्च में जेनरेटिव AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फीचर को जोड़ा गया है। इस फीचर के जरिए यूजर्स के लिए किसी टॉपिक को सर्च करना और भी आसान हो जाएगा।

Google की स्थापना अमेरिकी कम्प्यूटर इंजीनियर्स लैरी पेज (Larry Page) और सर्गे ब्रिन (Sergey Brin) ने की थी। इस दौरान ये दोनों कैलिफॉर्निया के स्टांडफोर्ड यूनिवर्सिटी में पीएचडी के छात्र थे। गूगल अब Alphabet का हिस्सा है और इसके CEO सुंदर पिचाई हैं। स्थापना के बाद से अब तक गूगल की कई सर्विसेज का हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल कर रहे हैं। सर्च के अलावा, मैप्स, कैलैंडर, चैट, जीमेल, यूट्यूब जैसी सर्विसेज का हम इस्तेमाल करते हैं। दुनिया में इस्तेमाल होने वाले 60 प्रतिशत स्मार्टफोन गूगल के Android ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करते हैं।

गूगल ने पिछले 25 सालों में अपनी सर्विसेज जैसे कि Gmail, Google Maps, Google Cloud, Chrome, YouTube, Workspace, Android operating system, cloud storage Drive, Google Translate, Google Meet, Google Assistant, Bard AI के साथ-साथ Google Pixel स्मार्टफोन को बाजार में उतारा है।

साल 2004 में Google ने अपना IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग्स) बाजार में पेश किया था। 2015 में गूगल को रिऑर्गेनाइज्ड करते हुए अल्फाबेट का सब्सिडियरी बनाया गया। सुंदर पिचाई 24 अक्टूबर 2015 को गूगल के CEO बने। पिचाई ने गूगल के फाउंडर और पूर्व CEO लैजी पेज को रिप्लेस किया। पिचाई आगे चलकर 3 दिसंबर 2019 को गूगल के साथ-साथ Alphabet के भी CEO बन गए।

क्या है भविष्य?

2023 में आयोजित हुए Google I/O में कंपनी ने अपने पहले जेनरेटिव AI टूल Bard AI को लॉन्च किया। गूगल का यह जेनरेटिवा AI फीचर 40 भाषाओं को सपोर्ट करता है, जिनमें 9 भारतीय भाषाएं शामिल हैं। इस AI टूल को दुनिया के 230 देशों में लॉन्च किया गया है। गूगल इसमें लगातार नए फीचर्स जोड़ रहा है, ताकि यूजर्स को बेहतर और कस्टमाइज्ड एक्सपीरियंस मिल सके। इस साल मई में गूगल ने अमेरिका में दो अतिरिक्त डेटा सेंटर की घोषणा की है, जो कंपनी के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टेक्नोलॉजी को नए आयाम देंगे।

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