गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज एक बार फिर सुर्खियों में, बढ़े वायरल फीवर और इंसेफेलाइटिस के मरीज

गोरखपुर, पश्चिमी यूपी में वायरल फीवर और डेंगू के कहर के बाद पूर्वी यूपी में भी इसके मरीज बढ़ रहे हैं. गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में वायरल फीवर और इंसेफेलाइटिस के मरीज बढ़े हैं. यहां पर डेंगू के एक भी केस अभी नहीं आए हैं. वायरल फीवर से एक भी बच्‍चे की मौत का मामला भी सामने नहीं आया है.

 

बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन हर तरह से अलर्ट है. हालांकि बरसात के मौसम में संक्रामक रोगों का फैलना स्‍वाभाविक है, लेकिन वायरल फीवर से बच्‍चों का चपेट में आना और पश्चिमी यूपी में हुई मौतों की वजह से स्‍वास्‍थ्‍य महकमा और प्रशासन अलर्ट भी है.

 

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इंसेफेलाइटिस वार्ड नंबर 100 के बाहर वे माता-पिता और रिश्‍तेदार बैठे हैं, जिनका बच्‍चा बुखार से पीडि़त है. इनमें अधिकतर केस इंसेफेलाइटिस यानी दिमागी बुखार (जापानी इंसेफेलाइटिस/एईएस) के हैं. ऐसे मरीज पूर्वी यूपी के अलग-अलग जिलों से आकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए हैं. इनमें ज्‍यादातर बच्‍चे हैं. जिन्‍हें या तो वायरल फीवर हुआ है और या तो वे इंसेफेलाइटिस से पीडि़त हैं.

 

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रमुख चिकित्‍सा अधीक्षक डा. राजेश राय ने बताया कि इस समय बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नेहरू अस्‍पताल में मरीजों की संख्‍या बढ़ी है. उन्‍होंने बताया कि लॉकडाउन खत्‍म होने के बाद बरसात में केस बढ़ गए हैं. वे बताते हैं कि इस समय फीवर के पेशेंट बढ़े हैं. डेंगू और मलेरिया के कोई भी केस नहीं हैं. यहां पर एईएस के पेशेंट की डायग्‍नोसिस के बाद ही पता चलेगा.

वे बताते हैं कि यहां पर हर तरह की दवाएं और सुविधाएं हैं. स्‍क्रब टाइफस के केस एईएस के नाम से ज्‍यादा आते हैं. पैथालॉजी में सारी जांच की सुविधा उपलब्‍ध है. वायरल फीवर के बरसात में केस बढ़े हैं, लेकिन ये जांच के बाद ही इसे स्‍पष्‍ट किया जा सकता है. सीजनल फीवर आते हैं, वो आ रहे हैं.

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