सरकार ने जारी की चेतावनी, अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहर दे सकती है दस्तक

नयी दिल्ली, भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच अब तीसरी लहर का डर बढ़ता ही जा रहा है. केरल और महाराष्ट्र में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों से देश में तीसरी लहर की आहट अब सुनाई देने लगी है. इसे लेकर लग रहा है कि अक्टूबर महीने में कोरोना की रफ्तार फिर एक बार जोर पकड़ सकती है. महाराष्ट्र और केरल में नए कोविड-19 संक्रमण के दैनिक आंकड़े इस बात का सबूत हैं कि अभी ढिलाई के लिए कोई जगह नहीं हो सकती है.

वहीं केंद्र सरकार ने भी केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कोरोना के नए केसों की संख्या पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि अभी किसी भी तरह की ढिलाई नहीं की जा सकती है. सरकार ने इस बारे में चेतावनी भी दी है कि अभी कोरोना को लेकर बेफिक्र नहीं हो सकते हैं. बता दें कि ऐसी आशंका जताई गई है कि अक्टूबर में कोरोना की तीसरे लहर दस्तक दे सकती है.

सरकार द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने ‘कोविड इमरजेंसी रिस्पांस पैकेज दो के तहत बाल चिकित्सा देखभाल और अन्य सुविधाओं के लिए बिस्तर क्षमता में वृद्धि की स्थिति की समीक्षा की है और राज्यों को ग्रामीण क्षेत्रों में हालात से निपटने के लिए इन क्षेत्रों में प्राथमिक देखभाल और ब्लॉक स्तर के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को फिर से डिजाइन और तैयार करने की सलाह भी दी गई है.

इस बयान में कहा गया कि राज्यों को जिला स्तर पर कोविड-19, म्यूकरमाइकोसिस, एमआईएस-सी (बच्चों के गंभीर रोग) के प्रबंधन में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के लिए ‘बफर स्टॉक बनाए रखने के लिए कहा गया है और साथ ही बताया गया है कि इस बात पर चर्चा हुई कि दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां कोविड-19 के उपचाराधीन मामलों की संख्या अधिक बनी हुई है. भारत में भी महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों के आंकड़े बताते हैं कि अभी लापरवाही के लिए कोई जगह नहीं हो सकती है.

केंद्र सरकार ने कहा कि प्रत्येक जिले में कम से कम एक पीएसए संयंत्र लगाने के उद्देश्य के साथ 961 तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन भंडारण टैंक और 1,450 चिकित्सकीय गैस पाइपलाइन सिस्टम स्थापित करने का भी प्रयास किया जा रहा है. प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम एक एम्बुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एम्बुलेंस नेटवर्क को भी बढ़ाया जा रहा है.

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