राज्यसभा में सरकार का जवाब ऑक्सीजन की कमी से नहीं गई थी कोई जान

नई दिल्ली, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने देश में भारी तबाही मचाई थी. इसके साथ ही देश के स्वास्थ्य ढांचे की पोल भी खुलकर सामने आ गई थी. अव्यवस्था का यह आलम था कि न तो अस्पतालों में बेड थे न ही जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन. और ऑक्सीजन की कमी से अनगिनत लोगों ने अपनी जान  गवाई थी, विपक्ष ने इस भी इस दौरान केंद्र सरकार पर कोरोना की अधूरी तैयारी का आरोप लगाया था. लेकिन अब केंद्र की मोदी सरकारने राज्यसभा में बताया है कि दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीज की कमी से एक भी जान नहीं गई है.

दरअसल, कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार को राज्यसभा मे कोरोना की अव्यवस्थाओं को लेकर घेरा था. इस दौरान उन्होंने सरकार से ऑ क्सीजन की कमी के कारण होने वाली मौतों की जानकारी मांगी।

इस दौरान उन्होंने सरकार से ऑ क्सीजन की कमी के कारण होने वाली मौतों की जानकारी मांगी. इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जवाब में बताया गया कि दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी की वजह से देश में एक भी मौत नहीं हुई. सरकार के अनुसार राज्य केंद्र शासित प्रदेश क ोरोना से होने वाली मौतों की नियमित आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय को जानकारी देते हैं. लेकिन इस दौरान ऑक्सीजन की कमी से होने वाली एक भी मौत की जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय के पास नहीं आई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्य सभा में दिए इस जवाब पर विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि केवल ऑक्सीजन की ही कमी नहीं थी, बल्कि संवेदनशीलता व सत्य की भारी कमी तब भी थी आज भी है।

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा ​कि सरकार ने आज जवाब दिया है कि देश में ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई है। हर राज्य में हमने देखा कि ऑक्सीजन की कमी से कितने मरीजों की मौत हुई. मंत्री ने सदन को गुमराह किया। हम उस मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाएंगे. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि ऑक्सीजन की कमी के कारण कई अस्पतालों ने मरीजों को भर्ती करने से इनकार कर दिया कई (कोविड रोगियों) की मृत्यु हो गई। अगर वे ऐसा कहते हैं, तो यह पहली सरकार है जो न सुनती है न ही देखती है। लोगों को उन्हें सबक सिखाना चाहिए।

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