



नई दिल्ली, सऊदी अरब के हज और उमराह मंत्रालय ने घोषणा की है कि जिन लोगों को उमराह के लिए वीजा मिल चुका है, वे उमराह पूरी कर 29 अप्रैल तक अपने-अपने देश वापस चले जाएं। मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि 29 अप्रैल विदेशी उमराह तीर्थयात्रियों के लिए मुल्क से विदा लेने का अंतिम दिन होगा।
गल्फ न्यूज की एक रिपोर्ट में आधिकारिक बयान के हवाले से कहा गया है कि मंत्रालय ने कहा, “इस वर्ष उमराह करने वालों के लिए सऊदी अरब में प्रवेश के लिए 13 अप्रैल आखिरी दिन निर्धारित किया गया है, जबकि 29 अप्रैल को तीर्थयात्रा की मियाद खत्म हो जाएगी। इस समय सीमा के बाद सऊदी अरब में रहने वाले तीर्थयात्रियों को देश के वीजा और तीर्थयात्रा नियमों का उल्लंघन करने वाला माना जाएगा।”
उल्लंघन करने पर कितना जुर्माना
मंत्रालय ने अपने बयान में जोर देकर कहा है कि अनुमत तिथियों के बाद यानी 29 अप्रैल के बाद अधिक समय तक सऊदी अरब में रुकना कानूनी उल्लंघन माना जाएगा और दोषी पाए जाने वाले विदेशियों पर सख्त दंड लागू किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों, कंपनियों और उमराह सेवा प्रदाताओं पर 100,000 सऊदी रियाल यानी 22.94 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
हज यात्रा से पहले की तैयारी
सऊदी अरब ने यह कदम ऐसे वक्त उठाया है, जब वह वार्षिक हज यात्रा को आरामदायक बनाने की तैयारियों में जुटा है। सऊदी अरब का मकसद अवैध तीर्थयात्रियों को मक्का जाने से रोकना है। पिछले साल भारी भीड़ के कारण मक्का में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 1200 लोगों की जान चली गई थी। इससे सऊदी अरब की प्रतिष्ठा दुनियाभर में धुमिल हुई थी। इसी को मद्देनजर रखते हुए सऊदी अरब ताबड़तोड़ फैसले ले रहा है।
18000 विदेशी गिरफ्तार
एक दिन पहले ही सऊदी अरब ने करीब 18,407 ऐसे विदेशियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जो अवैध तरीके से वहां रह रहे थे। यानी वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी वहां रह रहे थे। इन लोगों पर प्रवासन, श्रम और सीमा सुरक्षा कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। इन लोगों को 15 साल की जेल की सजा हो सकती है या करीब 2.30 करोड़ रुपये का जुर्माना हो सकता है या दोनों हो सकता है।
कब से शुरू हो रही हज यात्रा
सऊदी अधिकारियों ने सभी सर्विस प्रोवाइडर और हज यात्रा आयोजित कराने वाले संस्थानों को विदेशी तीर्थयात्रियों के प्रस्थान समय सीमा और रिपोर्टिंग प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करने का निर्देश दिया है। बयान में कहा गया है कि अधिक समय तक रुकने वाले तीर्थयात्रियों की रिपोर्ट न करने पर इन संस्थानों पर भी अधिकतम दंड लगाया जाएगा। इस तरह के सारे कदम 4 जून से शुरू हो रहे हज यात्रा से ठीक पहले उठाए गए हैं।