झुंझुनूं, बच्चे के जन्म के बाद माता- पिता की सारी जिंदगी उसके इर्द गिर्द ही घूमती रहती है। जो मां- बाप अपने बच्चों के लिए सब कुछ त्याग देते हैं जब आगे चलकर वही संतान उन्हें नहीं पूछती तो उनके जीने का मकसद ही खत्म हो जाता है।
इस कलयुगी दुनिया में ऐसे बहुत से मामले सामने आए हैं, जिसमें बच्चे मां- बाप को या तो घर से निकरल देते हैं या फिर उन्हें अकेला छोड़कर अपनी अलग दुनिया बसा लेते हैं। एक बुजुर्ग पति- पत्नी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ जिसके चलते उन्होंने खुद को खत्म करने का फैसला ले लिया।
कोई भी मां- बाप नहीं चाहते कि वह अपने बच्चाें पर बोझ बने। राजस्थान के झुंंझुनूं जिले के मुकुंदगढ़ में रहने वाला कपल भी कुछ ऐसा ही था, उम्र के अंतिम पड़ाव में बीमारी से तंग आकर उन्होंने आत्महत्या कर ली। मृतकों की पहचान चंद्रकला (75) और श्यामसुंदर (80) के रूप में हुई है, जिन्होंने मरने से पहले एक नोट लिखा जिसमें उन्होंने साफ लिखा है कि उनके मरने के बाद उनके बच्चाें को परेशान मत करना।
बताया जा रहा है कि श्यामसुंदर लेखक थे और लंबे समय से बीमार थे। उनकी पत्नी चंद्रकला भी अस्वस्थ थीं। दोनों अकेले ही घर में रहते थे। उनके तीनों बेटों दूसरे शहरों पर नौकरी करते हैं। बीमारीऔर अकेलेपन से तंग आकर उन्होंने खुद को खत्म कर दिया। मरने से पहले चंद्रकला ने लिखा था -‘बीमारी से तंग आ चुके हैं अब दुनिया छोड़ रहे हैं। हमारे बेटों को परेशान मत करना।’
पड़ोसियों ने बताया कि वृद्ध दंपती अक्सर बीमार रहते थे। जब पड़ोसियों को उनके घर से बदबू आने लगी तो पुलिस को इसकी सूचना दी गई। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो देखा कि दोनों बुजुर्गों के शव बिस्तर पर पड़े हैं। पुलिस के मुताबिक शव के हालात देखकर ऐसा लग रहा है कि उनकी मौत दो-तीन दिन पहले ही हो चुकी थी। बताया गया कि मां- बाप की मौत की खर मिलने के बाद जब बेटा घर आया तो पड़ोसियाें ने उसे खूब ताने मारे।