आपके फोन पर खोली गई वेबसाइट कितनी है असुरक्षित, जानिए चेक करने का तरीका

नई दिल्ली, स्मार्टफोन कुछ मामलों में कंप्यूटर और लैपटॉप का काम भी करता है. कई लोग अक्सर फोन पर ही कई शॉपिंग वेबसाइट्स व अन्य वेबसाइट्स पर विजिट करते हैं. वहीं इन चीजों का फायदा साइबर क्रिमनल खूब उठाते हैं और वे मैलिशियस वेबसाइट के सहारे आपके फोन में सेंध लगाकर आपकी बैंक डिटेल व आपका पर्सनल डेटा चुरा लेते हैं. यही नहीं कई केस में ठग वायरस भी डाल देते हैं. ऐसे में मोबाइल पर किसी भी वेबसाइट की ब्राउजिंग से पहले आपको कई सावधानी बरतनी चाहिए. यहां हम बता रहे हैं कुछ ऐसी बातें जिनके जरिए आप जान सकते हैं कि आपने फोन पर जो वेबसाइट ओपन किया है वो सुरक्षित है या नहीं।

अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें तो ऐसे मैलिशियस वेबसाइट को पहचानना काफी आसान है. नीचे पढ़िए किन बातों से आप सही या गलत वेबसाइट की पहचान कर सकते हैं.

1.किसी भी वेबसाइट पर जाते हैं, तो आपको सबसे पहले एड्रेस बार को चेक करना चाहिए. वेबसाइट के एड्रेस से पहले अगर https:// लगा है तो वेबसाइट सेफ है. दरअसल https इंटरनेट का प्रोटोकॉल होता है. यह यूजर द्वारा डाली गई किसी भी सूचना को एन्क्रिप्ट करता है ताकि वह दूसरे सर्वर में न जा सके. अगर वेबसाइट के एड्रेस से पहले https:// नहीं लिखा है तो आपका डेटा आसानी से चुराया जा सकता है.

2. साइबर क्रिमिनल्स पॉप-अप के जरिए भी आपके फोन और कंप्यूटर में सेंध लगाते हैं. ऐसे में मोबाइल पर कोई भी वेबसाइट ओपन करते हैं तो इस दौरान आने वाले पॉप-अप मैसेज को ध्यान से देखें. कई बार इस तरह के पॉप-अप मैसेज से आपको दूसरी वेबसाइट पर पहुंचा दिया जाता है और इस तरह की वेबसाइट मैलिशियस हो सकती हैं. कुछ मामलों में पॉप-अप के जरिए ऐसे विज्ञापन पर पहुंचा दिया जाता है जहां से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. अगर किसी वेबसाइट पर लगातार पॉप-अप आ रहा है तो ऐसी वेबसाइट से दूर रहना चाहिए. वह सिक्योर नहीं है.

3. अगर कोई वेबसाइट आपके फोन में ब्राउजर से अलग कुछ एक्सेस करना चाहते ही तो उसे परमिशन की जरूरत होती है. सही वेबसाइट भी इस तरह की परमिशन मांगती हैं. ऐसे में पहली बार परमिशन चिंता की बात नहीं है. पर अगर कोई वेबसाइट कुछ डाउनलोड करने को कहे या फिर कोई दूसरी निजी जानकारी मांगे तो यहां आपको ध्यान देने की जरूरत है. ऐसी वेबसाइट सिक्योर नहीं होती हैं. इसलिए आपको हर परमिशन को ध्यान से पढ़ना चाहिए.

4. किसी भी शॉपिंग वेबसाइट, बैंकिंग वेबसाइट या दूसरी इन्फर्मेटिव वेबसाइट पर जा रहे हैं तो एड्रेस बार में उसके URL को ध्यान से देखें. फिशिंग के लिए हैकर्स नामी कंपनी जैसी ही वेबसाइट बना देते हैं. इस तरह की वेबसाइट में एक-दो स्पैलिंग का ही अंतर होता है. ऐसे में आपके लिए जरूरी है कि यूआरएल को सही से देखें. अगर स्पैलिंग में कोई अंतर है तो वेबसाइट फर्जी है.

5. अगर आपको कोई वेबसाइट खोलनी है तो ब्राउजर में ऊपर दिए एड्रेस बार में उस वेबसाइट का एड्रेस डालने की जगह सर्च इंजन में उसे टाइप करें. इस तरह करने से आपके गलत वेबसाइट पर जाने का खतरा कम रहता है. दरअसल सर्च इंजन अधिकतर वेबसाइट को चेक करती रहती हैं. अगर आपने सर्च इंजन पर किसी वेबसाइट को सर्च किया, लेकिन उसके बारे में कुछ लिखा नहीं आ रहा है तो इसका मतलब है कि उक्त वेबसाइट मैलिशियस है.

6. अधिकतर फर्जी वेबसाइट को अगर आप गौर से दखेंगे तो आपको उसमें खराब क्वॉलिटी के साथ-साथ कंटेंट में भी कई तरह की कमी नजर आ जाएगी. मसलन कंटेंट की स्पैलिंग में कई गलतियां हो सकती हैं. क्योंकि इन्हें प्रफेशनल टीम नहीं चलाती है, इसलिए इस तरह की गलती के ज्यादा चांस होते हैं. इसके अलावा पिक्चर से लेकर दूसरी चीजें भी काफी हद तक असली व नकली वेबसाइट का हिंट दे देती हैं.

7. Virus Total बहुत ही मशहूर वेबसाइट है. यह आपको किसी भी यूआरएल को स्कैन करने देती है. इस दौरान अगर कोई वेबसाइट संदिग्ध या मैलिशियस होती है तो आपको इसकी जानकारी दे दी जाती है.

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