मुंबई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने भी विपक्षी गठबंधन इंडिया के अन्य घटक दलों की तरह 22 जनवरी को अयोध्या में हो रहे रामलला के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह का निमंत्रण लेने से मना कर दिया है।
बताया गया है कि एनसीपी चीफ शरद पवार ओर से मंदिर समारोह के निमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया गया है और कहा गया है कि वो कार्यक्रम के बाद और निर्माण पूरा होने के बाद दर्शन के लिए आएंगे।
शरद पवार ने बुधवार को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को संबोधित किये पत्र में निमंत्रण देने के लिए उनकी सराहना की।
पवार ने अपने पत्र में कहा, “मैं 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में आयोजित होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण पाकर बहुत खुश हूं।”
उन्होंने पत्र में आगे कहा, “भारत के करोड़ों भक्तों के लिए ‘मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम’ पूजा और भक्ति का प्रतीक हैं। देश भर के भक्त इसे लेकर उत्साहित हैं। समारोह और बड़ी संख्या में लोग मंदिर पहुंच रहे हैं। ऐतिहासिक उत्सव की खुशी उनके माध्यम से मुझ तक पहुंचेगी।”
एनसीपी सुप्रीमो ने कहा कि लेकिन वो 22 जनवरी के बाद अयोध्या यात्रा करेंगे और राम लला का दर्शन उस वक्त करेंगे जब मंदिर निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा।
पवार ने कहा, “22 जनवरी को समारोह समाप्त होने के बाद भी रामलला के दर्शन शांतिपूर्वक और भक्तिपूर्वक किए जा सकते हैं। मेरा उसके बाद अयोध्या जाने का कार्यक्रम है और उस समय मैं रामलला के दर्शन करूंगा, तब तक मंदिर का निर्माण कार्य भी पूरा हो जाएगा।”
उन्होंने चंपत राय को संबोधित करते हुए पत्र में कहा, “मैं एक बार फिर निमंत्रण के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं और समारोह की सफलता के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”
इससे पहले शरद पवार ने राम मंदिर समारोह का न्योता नहीं मिलने पर निराशा जताई थी और बीजेपी पर राम मंदिर के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया था।
मालूम हो कि इस महीने की शुरुआत में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकरा दिया था। अखिलेश यादव भी चंपत राय को यही कहा था वो मंदिर समारोह के बाद अपने परिवार के साथ मंदिर जाएंगे।
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, कांग्रेस के कई बड़े नेता मसलन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी पहले ही निमंत्रण लेने से मना कर चुके हैं।